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43.
जीवा
पोग्गलकाया
धम्माधम्मा
पुणो
य
आगा
सपदेसेहिं
असंखा
णत्थि
देस
जीवा पोग्गलकाया धम्माधम्मा पुणो य आगासं । सपदेसेहिं असंखा णत्थि पदेस त्ति कालस्स ।।
कालस्स
(58)
(जीव) 1/2
[ ( पोग्गल ) - (काय) 1 / 2]
[ ( धम्म) + (अधम्मा)]
[ ( धम्म ) - ( अधम्म) 1 / 2]
अव्यय
अव्यय
( आगास) 1 / 1
(स-पदेस) 3 / 2 वि
(असंख) 1/2 वि
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अव्यय
[(पदेसो) + (इति)]
पदेसो (पदेस) 1/1
इति (अ)
(काल) 6/1
=
जीव
पुद्गल - राशि
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धर्म तथा अधर्म
और
और
अन्वय- जीवा पोग्गलकाया धम्माधम्मा पुणो आगासं सपदेसेहिं य असंखा कालस्स पदेस त्ति णत्थि ।
अर्थ - जीव, पुद्गल-राशि, धर्म, अधर्म और आकाश - (ये) प्रदेशसहित (होते हैं)। (वे) असंख्य (होते हैं) और काल के ( अनेक) प्रदेश नहीं है अर्थात् एक प्रदेश है।
आकाश
प्रदेश सहित
असंख्य
नहीं है
प्रदेश
पादपूरक
काल के
प्रवचनसार (खण्ड-2)
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