________________
45. जध ते णभप्पदेसा तधप्पदेसा हवंति सेसाणं। ___ अपदेसो परमाणू तेण पदेसुब्भवो भणिदो।
जध
णभप्पदेसा
तध
प्पदेसा हवंति सेसाणं अपदेसो
अव्यय . (त) 1/2 सवि [(णभ)-(प्पदेस) 1/2]
अव्यय (प्पदेस) 1/2 . (हव) व 3/2 अक (सेस) 6/2 वि (अपदेस) 1/1 वि (परमाणु) 1/1 (त) 3/1 सवि [(पदेस)+ (उब्भव)]. [(पदेस)-(उब्भव) 1/1] (भण--भणिद) भूकृ 1/1
जैसे वे. आकाश के प्रदेश वैसे ही . प्रदेश होते हैं ... शेषों के प्रदेशरहित . परमाणु उससे
.
परमाणू
पदेसुब्भवो
प्रदेशों का उद्भव कहा गया
भणिदो
अन्वय- जध ते णभप्पदेसा तध सेसाणं प्पदेसा हवंति परमाणू अपदेसो तेण पदेसुब्भवो भणिदो।
अर्थ- जैसे वे (कहे गये) आकाश के प्रदेश (हैं) वैसे ही शेषों (धर्म, अधर्म और जीव) के प्रदेश होते हैं। परमाणु (बहु) प्रदेशरहित अर्थात् एक प्रदेशी (होता है)। उससे (पुद्गल के) प्रदेशों का उद्भव कहा गया (है)।
(60)
प्रवचनसार (खण्ड-2)
Jain Education International
For Personal & Private Use Only
www.jainelibrary.org