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41. आगासस्सवगाहो धम्मद्दव्वस्स गमणहेदुत्तं ।
धम्मेदरदव्वस्स दु गुणो पुणो ठाणकारणदा।।
आगासस्सवगाहो [(आगासस्स)+ (अवगाहो)]
आगासस्स (आगास) 6/1 अवगाहो (अवगाह) 1/1
आकाश का अवगाहन (जगह देने का कारण) धर्म द्रव्य का गमन में कारणता
धम्मद्दव्वस्स गमणहेदुत्तं धम्मेदरदव्वस्स
धर्म से भिन्न .
द्रव्य का
[(धम्म)-(इव्व) 6/1] [(गमण)-(हेदुत्त) 1/1] [(धम्म)+ (इदरदव्वस्स)] [(धम्म)-(इदर) वि(दव्व) 6/1]
अव्यय (गुण) 1/1 अव्यय [(ठाण)-(कारणदा) 1/1]
'
और
गुणो
और
पुणो ठाणकारणदा
स्थिति में कारणता
अन्वय- आगासस्सवगाहो दु धम्मद्दव्वस्स गमणहेदुत्तं पुणो धम्मेदरदव्वस्स गुणो ठाणकारणदा।
अर्थ- आकाश (द्रव्य) का (गुण) अवगाहन अर्थात् सब द्रव्यों को जगह देने का कारण (है) और धर्म द्रव्य का (गुण) गमनमें कारणता और धर्म से भिन्न अर्थात् अधर्म द्रव्य का गुण स्थिति (ठहरने) में कारणता (है)।
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प्रवचनसार (खण्ड-2)
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