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39. मुत्ता इंदियगेज्झा पोग्गलदव्वप्पगा अणेगविधा।
दव्वाणममुत्ताणं गुणा अमुत्ता मुणेदव्वा॥
मुत्ता
इंदियगेज्झा
पोग्गलदव्वप्पगा
अणेगविधा दव्वाणममुत्ताणं
(मुत्त) 1/2 वि
मूर्त [(इंदिय)-(गेज्झ) इंद्रियों से ग्रहण करने विधिकृ 1/2 अनि]
• योग्य [(पोग्गल)-(दव्वप्पग)- पुद्गल द्रव्यों से 1/2 वि]
संबंधित [(अणेग) वि-(विध) 1/2] अनेक प्रकार के [(दव्वाणं)+(अमुत्ताणं)] दव्वाणं (दव्व) 6/2 द्रव्यों के अमुत्ताणं (अमुत्त) 6/2 वि अमूर्त (गुण) 1/2
गुण (अमुत्त) 1/2 वि अमूर्त (मुण) विधिकृ 1/2 समझे जाने चाहिये
गुणा अमुत्ता मुणेदव्वा
अन्वय- अमुत्ताणं दव्वाणं गुणा अमुत्ता मुणेदव्वा अणेगविधा पोग्गलदव्वप्पगा मुत्ता इंदियगेज्झा।
अर्थ- अमूर्त द्रव्यों के गुण अमूर्त समझे जाने चाहिये। (वे) अनेक प्रकार के (हैं)। पुद्गल द्रव्यों से संबंधित (जो) मूर्त (गुण) (होते हैं) (वे) इन्द्रियों से ग्रहण करने योग्य (हैं)।
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प्रवचनसार (खण्ड-2)
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