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होदि
क्रिया
30. परिणामो सयमादा सा पुण किरिय त्ति होदि जीवमया।
किरिया कम्म त्ति मदा तम्हा कम्मस्स ण दु कत्ता।। परिणामो (परिणाम) 1/1
परिणाम सयमादा [(सयं)+(आदा)] सयं (अ) = स्वयं
स्वयं आदा (आद) 1/1
आत्मा सा (ता) 1/1 सवि
वह पुण अव्यय
चूँकि किरिय. त्ति [(किरिया)+ (इति)]
किरिया (किरिया) 1/1 क्रिया इति (अ) = इसलिए इसलिए (हो) व 3/1 अक
होती है जीवमया
(जीवमर्यजीवमया) 1/1 वि आत्मा से युक्त किरिया
(किरिया) 1/1 * कम्म त्ति [(कम्मो )+ (इति)] (मूल शब्द) कम्मो (कम्म) 1/1 इति (अ) = अतः
अतः मदा
(मद) भूकृ.1/1 अनि मानी गई तम्हा अव्यय
इस कारण कम्मस्स (कम्म) 6/1
कर्म का अव्यय
नहीं अव्यय
निश्चय ही .. (कत्तु) 1/1 वि
कर्ता अन्वय- परिणामो सयमादा पुण सा किरिय त्ति जीवमया होदि किरिया कम्म त्ति मदा तम्हा कम्मस्स कत्ता दण।
... अर्थ- (यह) (अशुद्ध) परिणाम स्वयं आत्मा (कहा गया है)। चूँकि वह (अशुद्ध). (परिणाम से उत्पन्न) क्रिया (आत्मा से की जाती है) इसलिए आत्मा से युक्त होती है। अतः (अशुद्ध) (परिणाम से उत्पन्न) क्रिया (भी) (भाव) कर्म मानी गई है (जिसका कर्ता आत्मा ही है)। इस कारण (द्रव्य/पुद्गल) कर्म का कर्ता निश्चय ही (आत्मा) नहीं (हो सकता है)।
कर्म
दु
कत्ता
प्राकृत में किसी भी कारक के लिए मूल संज्ञा शब्द काम में लाया जा सकता है। (पिशलः प्राकृत भाषाओं का व्याकरण, पृष्ठ 517)
संयुक्त अक्षर के कारण यहाँ किरिया-किरिय हुआ है। नोटः सम्पादक द्वारा अनूदित प्रवचनसार (खण्ड-2)
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