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- 29. आदा कम्ममलिमसो परिणामं लहदि कम्मसंजुत्तं।
तत्तो सिलिसदि कम्मं तम्हा कम्मं तु परिणामो।।
आदा कम्ममलिमसो
परिणाम
लहदि
कम्मसंजुत्तं
तत्तो सिलिसदि
(आद) 1/1
आत्मा [(कम्म)-(मलीमस-मलिमस) कर्मों से मलिन 1/1 वि] (परिणाम) 2/1 परिणाम को (लह) व 3/1 सक प्राप्त करता है [(कम्म)-(संजुत्त) कर्मों से युक्त भूकृ 2/1 अनि] (त) 5/1 सवि
उससे (सिलीस-सिलिस) बंधता/चिपकता है व 3/1 अक (कम्म) 1/1
कर्म अव्यय
इसलिए (कम्म) 1/1 अव्यय
.
ही (परिणाम) 1/1
परिणाम
कम्म
तम्हा
कम्म
कर्म
परिणामो
अन्वय- आदा कम्ममलिमसो कम्मसंजुत्तं परिणाम लहदि तत्तो कम्मं सिलिसदि तम्हा परिणामो तु कम्म।
अर्थ- (चूँकि) आत्मा (पुद्गल) कर्मों से मलिन है। (इसलिए) कर्मों से युक्त (रागादिक) (अशुद्ध) परिणाम को प्राप्त करता है (तब) उस (अशुद्ध परिणाम) से (पुद्गल) कर्म (आत्मा से) बंधता/चिपकता है इसलिए (अशुद्ध) परिणाम ही (भाव) कर्म (है)।
1.
छन्द की मात्रा की पूर्ति हेतु 'ई' का 'ई' हुआ है।
(44)
प्रवचनसार (खण्ड-2)
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