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90. भणिदा पुढविप्पमुहा जीवणिकायाध थावरा य तसा।
अण्णा ते जीवादो जीवो वि य तेहिंदो अण्णो।।
भणिदा पुढविप्पमुहा जीवणिकायाध
मुहा
थावरा
तसा
त्रस
(भण-भणिद) भूक 1/2 कहे गये [(पुढवि)-(प्पमुहा) 1/2 वि] पृथ्वी वगैरह/आदि [(जीवणिकाया)+(अध)] [(जीव)-(णिकाय) 1/2] जीव-समूह अध (अ) = अब
अब (थावर) 1/2
स्थावर अव्यय
और (तस) 1/2 (अण्ण) 1/2 सवि अन्य (त) 1/2 सवि (जीव) 5/1
जीव से (जीव) 1/1 अव्यय अव्यय
और (त) 5/1 सवि . (अण्ण). 1/1 वि
अन्य
अण्णा
जीव
जीवादो जीवो वि . य तेहिंदो अण्णो
..
उनसे
अन्वय- अध पुढविप्पमुहा थावरा य तसा जीवणिकाया भणिदा ते जीवादो अण्णा य जीवो वि तेहिंदो अण्णो।
अर्थ- अब पृथ्वी वगैरह (आदि) स्थावर और त्रस (जो) जीव- समूह कहे गये हैं, वे सब (शुद्ध) जीव से अन्य है और (शुद्ध) जीव भी उनसे अन्य (है)।
प्रवचनसार (खण्ड-2)
(105)
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