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- 79. ओरालिओ य देहो देहो वेउविओ य तेजइओ।
आहारय कम्मइओ पुग्गलदव्वप्पगा सव्वे।।
ओरालिओ
देहो
देहो
वेउव्विओ
तेजइओ * आहारय कम्मइओ
(ओरालिअ) 1/1 वि औदारिक अव्यय
और (देह) 1/1
शरीर (देह) 1/1
. शरीर (वेउव्विअ) 1/1 वि . वैक्रियिक अव्यय . . और [(तेज)-(इअ) भूकृ 1/1अनि] तेज को प्राप्त (आहारय) 1/1 वि आहारक [(कम्म)-(इअ)
कर्म को प्राप्त भूकृ 1/1 अनि] [(पुग्गल)-(दव्वप्पग) पुद्गलद्रव्य से निर्मित 1/2 वि] (सव्व) 1/2 सवि
पुग्गलदव्वप्पगा
सव्वे
सब
अन्वय- ओरालिओ देहो य वेउव्विओ देहो य तेजइओ आहारय कम्मइओ सव्वे पुग्गलदव्वप्पगा।
अर्थ- औदारिक शरीर और वैक्रियिक शरीर और तेज को प्राप्त (तैजस) (शरीर), आहारक (शरीर), कर्म को प्राप्त (कार्मण) (शरीर) (ये) सब पुद्गलद्रव्य से निर्मित (है)।
*
प्राकृत में किसी भी कारक के लिए मूल संज्ञा शब्द काम में लाया जा सकता है। (पिशलः प्राकृत भाषाओं का व्याकरण, पृष्ठ 517)
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प्रवचनसार (खण्ड-2)
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