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52 * बौद्ध धर्म-दर्शन, संस्कृति और कला रास्ते को अपनाया था और सन् 1956 में बौद्धधम्म को स्वीकार किया था। उन्होंने दलितों के उत्थान के लिये पूरी सोच-समझ के बाद बौद्धधम्म और दर्शन को ही एकमात्र सही रास्ता समझा था। आज का सम्पूर्ण दलित चिन्तन डॉ. अम्बेडकर की इसी सोच के इर्दगिर्द घूम रहा है। कुछ लोगों ने इससे हटकर दलितोत्थान के लिये सोचा था, वे मझधार में ही रुक गये और बह गये। आज दलित उत्थान की और जातिवाद को समाप्त करने की मुख्य चिन्तनधारा डॉ. अम्बेडकर की ही चिन्तनधारा है, इसमें कोई संदेह नहीं है। सहायक ग्रन्थ सूची 1. अम्बेडकर डॉ. बी.आर., भगवान बुद्ध और उनका धम्म'.. 2. कोसम्बी, धम्मानंद, भगवान बुद्ध' 3. कौसल्यायन, बुद्धिज्म अॅण्ड अदर रिलिजन्स' 4. विनयपिटक (हिन्दी - राहुल सांकृत्यायन) 5. भगवद्गीता 6. डॉ. विमलकीर्ति, 'बौद्धधर्म के विकास में डॉ. अम्बेडकर का योगदान' 7. दीघनिकाय (पालि) 8. मज्झिमनिकाय (पालि) 9. अंगुत्तरनिकाय (पालि) 10. डॉ. विमलकीर्ति, और बाबासाहेब अम्बेडकर ने कहा...' (सम्पादित खण्ड 1 से 5)
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- 29, ग्रीन फील्ड ले आउट,
भामती, नागपुर-440022
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