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________________ दलितों का उत्थान और बौद्धधम्म-दर्शन डॉ. विमलकीर्ति बौद्धधम्म भारतीय धम्म है, वह भारत की भूमि में पैदा हुआ है। प्राचीन भारत में जितने भी धर्म पैदा हुए हैं, जैसे वैदिक धर्म या ब्राह्मण धर्म और आज का हिन्दूधर्म, जैनधर्म, सिक्ख धर्म आदि सभी भारतीय हैं और भारत की भूमि से भारत के सामाजिक, सांस्कृतिक पर्यावरण से उनका बहुत ही निकट का सम्बन्ध है । जिस प्रकार वैदिक धर्म की अपनी विशेषता है, उसी प्रकार बौद्धधम्म की, जैनधर्म की, सिक्खधर्म की अपनी-अपनी विशेषताएँ है। वैदिक या हिन्दू, बौद्ध, जैन, सिक्ख आदि सभी धर्म भारत की भूमि में पैदा होने के बावजूद सभी धर्म समान हैं, सभी की दार्शनिक, सामाजिक, सांस्कृतिक, राजनैतिक, धर्माचार सम्बन्धी नीतितत्त्व सम्बन्धी एक ही मान्यता है, यह मानना सही नहीं है। हर बात में सभी की अलग-अलग मान्यताएं हैं और पिछले हजारों, सैकड़ों वर्षों के इतिहास में उनके धम्म और दर्शन का अलग-अलग ढंग से विकास हुआ है। इसी भारत की भूमि में पिछले चार हजार/पांच हजार साल के इतिहास में हमें दो प्रकार की मान्यतावाले धर्म दिखायी देते हैं। एक आत्मा, परमात्मा और ईश्वरवाद की स्थापना करने वाला धर्म और दूसरा अनात्मा, अनीश्वरवाद, प्रतीत्यसमुत्पाद की स्थापना करने वाला धर्म । मतलब एक लौकिकवादी, भौतिकवादी धर्म और दूसरा अलौकिकतावादी, अभौतिकतावादी धर्म । बौद्धधम्म लौकिकतावादी और भौतिकतावादी है, इसलिये बौद्धधम्म अन्य भारतीय धर्मो से अलग है। आधुनिक भारत के कई विद्वानों ने इस बात को स्पष्ट रूप से लिखा है कि बौद्धधम्म अन्य भारतीय धर्मो से भिन्न है, अलग है । डॉ. अम्बेडकर की मान्यता डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकर ने अपनी 'द बुद्धा एण्ड हिज धम्मा' ग्रन्थ में इस बात को विस्तार से स्पष्ट किया हैं कि बौद्धधम्म और अन्य भारतीय धर्मो में फर्क है, वे एक नहीं हैं। डॉ. अम्बेडकर भगवान बुद्ध के विचारों को ' धम्म ' के नाम से सम्बोधित Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004152
Book TitleBauddh Dharm Darshan Sanskruti aur Kala
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDharmchand Jain, Shweta Jain
PublisherBauddh Adhyayan Kendra
Publication Year2013
Total Pages212
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size17 MB
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