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38 * बौद्ध धर्म-दर्शन, संस्कृति और कला स्वयं अपनी नियति का निर्माता है, वह स्वयं ही अपने कर्म का स्वामी है, कर्मदायाद (कर्मफल का अधिकारी) कर्मयोनि व कर्मबन्धु है। तृष्णा का क्षय कर व्यक्ति स्वयं ही कर्मबन्धन से मुक्त होकर अर्हत् बनता है। प्रत्येक प्राणी बिना किसी जाति, लिंग व वर्गभेद के सम्भाव्य बुद्ध है अर्थात् बुद्ध (मुक्त) होने में समर्थ है।
थेरवाद में ब्रह्म-विहार साधन है और निर्वाण साध्य। साधक-निर्वाण प्राप्ति के लिए ब्रह्म-विहारों की साधना करता है। महायान में बोधिसत्त्व का आदर्श साध्य है। बोधिसत्त्व पर-पीड़ा के शमन के लिए निर्वाण का निलम्बन कर देते हैं। थेरवाद की करुणा महायान में महाकरुणा का रूप ले लेती है। महाकरुणा का ध्येय वैयक्तिक निर्वाण न होकर सार्वभौमिक दु:ख-निवृत्ति हो जाता है। महाकरुणा का नायक बोधिसत्त्व निर्वाण के प्रवेश द्वार पर पहुंच कर निर्वाण को स्थगित कर देता है। इस स्थिति को महायान में अप्रतिष्ठित निवार्ण की संज्ञा दी गई है। परपीड़ा-निवारण के अभिलाषी साधक में बोधिप्रणिधिचित्त का उदय होता है। बोधिचित्त सार्वभौमिक दुःख की मुक्ति के उत्तरदायित्व का अकृत्रिम बोध एवं दृढ़ इच्छा शक्ति है। बोधिप्रणिधि चित्त धारक साधक यह संकल्प लेता है कि जगत कल्याण के लिए मैं बुद्धत्व प्राप्त करूंगा (बुद्धो भवेयं जगतो हिताय)"। साधक अब बोधिसत्त्व हो जाता है और वह बोधिप्रस्थान चित्त को ग्रहण कर सब जीवों के उद्धार के लिए अपने लक्ष्य की ओर प्रवृत्त होता है। बोधिसत्त्व का लक्ष्य होता है -"सभी दिशाओं में जो कोई भी शारीरिक
और मानसिक व्यथाओं से पीड़ित है, वे मेरे पुण्य से सभी व्यथाओं से मुक्त होकर सुख-आनन्द का समुद्र प्राप्त करें।"18 ___मैत्री, करुणा और महाकरुणा बौद्धों के उदात्त सामाजिक मूल्य हैं, जो समाज में शान्ति और समानता के विस्तार का सत्प्रयास करते हैं।
सेवानिवृत्त आचार्य एवं अध्यक्ष
दर्शनशास्त्र विभाग जयनारायणव्यास विश्वविद्यालय, जोधपुर
16. वही, पृ. 157 17. आचार्यशान्तिदेव कृत बोधिचर्यावतार - प्रवचनकार दलाईलामा, ___ अनुवादक कर्मामोनलम, सम्पादक प्रो. रामशंकर त्रिपाठी प.XVI 18. 'सर्वासु दिक्षु यावन्तः कायचित्तव्यथातुराः
ते प्राप्नुवन्तु मत्पुण्यैः सुखप्रामोद्यसागरम् - बोधिचर्यावतार, 10.2 प्रस्तुत गाथा से यह भी स्पष्ट होता है कि महायान बोधिचर्यावतार एक व्यक्ति के पुण्य कर्मों में दूसरों की भागीदारी की सम्भावना को स्वीकार करते हैं।
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