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________________ आगम (४५) अनुयोगद्वार”- चूलिकासूत्र-२ (मूलं+वृत्ति:) .................. मूलं [११५] / गाथा ||१५...|| ................. मुनि दीपरत्नसागरेण संकलित...........आगमसूत्र - [४५], चूलिकासूत्र - [२] "अनुयोगद्वार" मूलं एवं हेमचन्द्रसूरि-रचिता वृत्ति: प्रत सूत्रांक [११५] दीप अनुक्रम [१३८] ऊरकर अहोरत्ते पक्खे मासे उऊ अयणे संवच्छरे जुगे वाससए वाससहस्से वाससयसहस्से पुव्वंगे पुव्वे तुडिअंगे तुडिए अडडंगे अडडे अववंगे अववे हुहुअंगे हुहुए उप्पलंगे उप्पले पउमंगे पउमे णलिणंगे णलिणे अत्थिनिऊरंगे अथिनिऊरे अउअंगे अउए नउअंगे नउए पउअंगे पउए चूलिअंगे चूलिआ सीसपहेलिअंगे सीसपहेलिआ पलिओवमे सागरोवमे ओसप्पिणी उस्सप्पिणी पोग्गलपरिअढे अतीतद्धा अणागतद्धा सव्वद्धा, से तं पुव्वाणुलासे किं तं पच्छाणु०?, २ सव्वद्धा अणागतद्धा जाव समए, से तं पच्छाणु से किं तं अणाणु०?, २ एआए चेव एगाइआए एगुत्तरिआए अणंतगच्छगयाए सेढीए अण्णमण्णब्भासो दुरूवूणो, से तं अणाणुपुवी। अहवा उवणिहिआ कालाणुपुत्वी तिविहा पण्णत्ता, तंजहा-पुव्वाणुपुव्वी पच्छाणुपुब्वी अणाणुपुत्वी । से किं तं पुव्वाणुपुव्वी?, २ एगसमयठिइए दुसमयठिइए तिसमयठिइए जाव दससमयठिइए संखिजसमयठिइए असंखिजसमयठिइए, से तं पुव्वाणुपुब्बी। ~200~
SR No.004147
Book TitleAagam 45 ANUYOGDWAR Moolam evam Vrutti
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDipratnasagar, Deepratnasagar
PublisherDeepratnasagar
Publication Year2015
Total Pages547
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari & agam_anuyogdwar
File Size124 MB
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