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________________ आगम (४३) प्रत सूत्रांक [१५ -४६] दीप अनुक्रम [१४७९ -१५१०] “उत्तराध्ययनानि”- मूलसूत्र -४ (मूलं + निर्युक्तिः+वृत्तिः) मूलं [ - ] / गाथा || १५-४६ || निर्युक्तिः [५५६...], अध्ययनं [ ३६ ], Education intimation वेब, भइए संठाणओवि अ ॥ २५ ॥ वण्णओ सुकिले जे छ, भइए से उ गंधओ । रसओ फासओ चैव, भइए संठाणओवि अ ॥ २६ ॥ गंधओ जे भवे सुम्भी, भइए से उ वण्णओ । रसओ फासओ चेव, भहए ठाणओवि अ ॥ २७ ॥ गंधओ जे भवे दुम्भी, भइए से उ यण्णओ। रसओ फासओ चेव, भइए संठाणओषि अ ॥ २८ ॥ रसओ तितओ जे उ, भइए से उ बन्नओ । गंधओ फासओ चेव, भइए संठाणओवि य ॥ २९ ॥ रसओ कडुए जे उ, भइए से उ वण्णओ। गंधओ फासओ चेव, भइए संठाणओवि अ ॥ ३० ॥ रसओ कसाए जे उ, भइए से उ वण्णओ। गंधओ फासओ चेव, भइए संठाणओवि अ ॥ ३१ ॥ रसभ अंबिले जे उ, भइए से उ बण्णओ । गंधओ फासओ चेव, भइए संठाणओवि अ ॥ ३२ ॥ रसओ महुरप जे उ, भइए से उ वण्णओ। गंधओ रसओ वेव, भइए संठाणओवि य ॥ ३३ ॥ फासओ कक्खडे जे उ, भइए से उ वण्णओ। गंधओ रसओ चेव, भइए संठाणओवि अ ॥ ३४ ॥ फासओ मउए जे उ, भइए से उ वण्णओ। गंधओ रसओ चेव, भइए संठाणओवि अ ॥ ३५ ॥ फासओ गुरुए जे उ, भइए से उ वण्णओ । गंधओ रसओ चेष, भइए संठाणओवि य ॥३६॥ फासओ लहुए जे उ, भइए से उ वण्णओ। गंधओ रसओ चेव, भइए संठाणओवि अ ॥ ३७ ॥ फासओ सीअए जे उ, भइए से उ वण्णओ। गंधओ रसओ चेव, भइए संठाणओवि अ ॥ ३८ ॥ फासओ उपहए जे उ, भइए से उ वण्णओ। गंधओ रसओ चैव भइए | संठाणओवि अ ।। ३९ ।। फासओ निद्धए जे उ, भइए से उ वण्णओ। गंधओ रसओ चेव, भइए संठाण For Fans Only भाष्यं [१५...] ~1349~ www.janbay.org मुनि दीपरत्नसागरेण संकलित आगमसूत्र [४३] मूलसूत्र [४] "उत्तराध्ययनानि" मूलं एवं शान्तिसूरि- विरचिता वृत्तिः
SR No.004145
Book TitleAagam 43 UTTARAADHYAYANAANI Moolam evam Vruttii
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDipratnasagar, Deepratnasagar
PublisherDeepratnasagar
Publication Year2015
Total Pages1428
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari & agam_uttaradhyayan
File Size288 MB
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