________________ नमो नमो निम्मलदंसणस्स पूज्य आनंद-क्षमा-ललित-सुशील-सुधर्मसागर गुरुभ्यो नमः 18 पूज्य आगमोध्धारक आचार्य श्री सागरानंदसूरीश्वरेण संशोधित: संपादितश्चा "जम्बूद्वीप-प्रज्ञप्ति (उपांग)सूत्र” [मूलं एवं शान्तिचन्द्र विहित वृत्तिः] / (किंचित् वैशिष्ठ्यं समर्पितेन सह) मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: "जम्बूद्वीप-प्रज्ञप्ति” मूलं एवं वृत्तिः” नामेण परिसमाप्त: Remember it's a Net Publications of 'jain_e_library's' ~ 1096~