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' [१४] श्री जीवाजीवाभिगम (उपांग)सूत्रम्
नमो नमो निम्मलदंसणस्स पूज्य श्रीआनंद-क्षमा-ललित-सुशील-सुधर्मसागर गुरुभ्यो नमः ।
| "जीवाजीवाभिगम" मलं एवं वृत्ति:
[मलं एवं मलयगिरि-प्रणीत वृत्ति:]
[आदय संपादक: - पूज्य आगमोद्धारक आचार्यदेव श्री आनंदसागर सूरीश्वरजी म. सा. ]
(किञ्चित् वैशिष्ठ्यं समर्पितेन सह) पुन: संकलनकर्ता, मुनि दीपरत्नसागर (M.Com., M.Ed., Ph.D.) |
30/10/2014, गुरुवार, २०७० कार्तिक शुक्ल ७
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मुनि दीपरत्नसागरेण संकलित......आगमसूत्र-[१४], उपांग सूत्र-[३] "जीवाजीवाभिगम" मूलं एवं मलयगिरि-प्रणीत वृत्ति: