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________________ आगम (०५) "भगवती”- अंगसूत्र-५ (मूलं+वृत्ति:) शतक [५], वर्ग [-1, अंतर्-शतक [-], उद्देशक [८], मूलं [२२१] मुनि दीपरत्नसागरेण संकलित...........आगमसूत्र - [०५], अंग सूत्र - [०५] "भगवती मूलं एवं अभयदेवसूरि-रचित वृत्ति: प्रत सूत्रांक 40605454-% [२२१] दीप अनुक्रम [२६२] | वोच्छ अप्पाबहुये दवेखेतदभावको वादि । अपएससप्पएसाण पोमगलाण समासेणं ॥१॥ दवेणं परमाण खेतेणेगप्पएसमोगाढा । कालेणे-IN गसमइया अपएसा पोग्गला होति ॥२॥[वर्णादिभिरित्यर्थः] भावेणं अपएसा एगगुणा जे हवंति वण्णाई। ते चिय थोबा जंगुणबाई पायसो दधे ॥ ३ ॥ एत्तो कालाएसेण अप्पएसा भवे असंखगुणा । किं कारणं पुण भवे भण्णति परिणामबाहला ॥ ४॥ भावणं अपएसा जे ते ५ | कालेण हुंति दुविहावि । दुगुणादओवि एवं भावेणं आवणंतगुणा ॥ ५॥ कालापएसयाणं एवं एकेकओ हवति रासी । एकेकगुणट्ठाणम्मि | | एगगुणकालयाईसु ॥ ६ ॥ आहाणंतगुणतणमेवं कालापएसयाणति । जमणंतगुणहाणेसु हाँति रासीवि हु अणंता ॥ ७ ॥ भण्णइ एगगुणा-|| जाणवि अणंतभार्गमि जं अणतगुणा । तेणासंखगुण च्चिय हवंति णाणतगुणिय ॥ ८॥ एवं ता भावमिणं पहुच कालापएसया सिद्धा । परमा-18 ला पोग्गलाइसु वेवि ह एस चेव गमो ॥ ९॥ एमेव होइ खेते एगपएसावगाहणाईस । ठाणंतरसंकति पडच कालेण माणया ॥ १० ॥ * संकोयविकोयपि हु पहुच ओगाहणाएँ एमेव । तह सुहुमबायरनिरेयसेयसदाइपरिणाम ॥ ११॥ एवं जो सबो चिय परिणामो पुमालाण | भाइह समये । तं तं पडुच एसि कालेणं अप्पएसचं ॥ १२ ॥ कालेण अप्पएसा एवं भावापएसएहितो । होति असंखिजगुणा सिद्धार परिणामबाहल्ला ॥ १३ ॥ एतो दवाएसेण अप्पएसा हवंतिऽसंखगुणा । के पुण ते ! परमाणू कह ते बहुयत्ति ! ते सुणम् ॥ १४ ॥ अणु *१ संखेनपएसिय २ असंख[ गुण ] ३ ऽणतणएसिया चेव । चउरो चिय रासी पोग्गलाण लोए अणताणं ॥ १५॥ तत्यागंतेहितो सुत्तेऽण-|| तप्पएसिएहितो। जेण पएसद्वाए भणिया अणको अणंतगुणा ॥ १६ ॥ संखेजतिमे भागे संखेज्जपएसियाण बटुंति । नवरमसंखेजपएसियाण मागे असंखइमे ॥ १७ ॥ सहवि असंखेजपएसियाण तेसि असंखभागचे । बाहुलं साहिजइ फुडमबसेसाहिं रासीहि ॥ १८ ॥ जेणेकरासिणो थिय असंखभागेण सेसरासीणं । तेणासंखेनगुणा अणवो कालापएसेहि ॥ १९ ।। एतो असंखगुणिया हवंति खेतापए-||DI % % | द्रव्यादि प्रदेशानाम् अल्प-बह्त्व ~ 488~
SR No.004105
Book TitleAagam 05 BHAGVATI Moolam evam Vrutti
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDipratnasagar, Deepratnasagar
PublisherDeepratnasagar
Publication Year2014
Total Pages1967
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari & agam_bhagwati
File Size424 MB
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