SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 1036
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ आगम (०५) "भगवती”- अंगसूत्र-५ (मूलं+वृत्ति:) शतक [११], वर्ग [-], अंतर्-शतक [-], उद्देशक [९], मूलं [४१७-४१८] + गाथा मुनि दीपरत्नसागरेण संकलित...........आगमसूत्र - [०५], अंग सूत्र - [०५] "भगवती मूलं एवं अभयदेवसूरि-रचित वृत्ति: प्रत सूत्रांक [४१७ -४१८]] ॥५१५॥ गाथा झिय २ जाब विहरित्तएत्तिकह, एवं संपेहेति संपेहेत्ता कल्लं जाव जलते सुबहुं लोहीलोह जाव घडावेत्ता कोडं । ११शतके प्रज्ञप्ति चियपुरिसे सहावेइ सदावेत्ता एवं वपासी-खिप्पामेव भो देवाणुप्पिया! हस्थिणागपुरं नगरं सम्भितर-||5|९ अभयदेवी- बाहिरियं आसिय जाव तमाणत्तियं पञ्चप्पिणंति, तए णं से सिवे राया दोचपि कोडंपियपुरिसे सहावेंति २||शिवराज बावृत्तिा एवं वपासी-खिप्पामेव भो देवाणुप्पिया! सिवभहस्स कुमारस्स महत्थं ३ विउलं रायामिसेयं उबट्ठवेह,॥ स्तापसता तिएणं ते कोढुंबियपुरिसा तहेव उवट्ठति, तए णं से सिवे राया अणेगगणनायगदंडनायग जाव संधिपाल सहि संपरिबुढे सिवभई कुमारं सीहासणवरंसि पुरस्थाभिमुहं निसीयावेन्ति २ अट्ठसएणं सीवनियाणं कलसाण जाव अट्ठसएणं भोमेजाणं कलसाणं सबिड्डीए जाव रवेणं महया २रायाभिसेएणं अमिसिंचह २ पम्हल-* सुकुमालाए सुरभिए गंधकासाईए गायाई लूहेह पम्ह०२ सरसेणं गोसीसेणं एवं जहेव जमालिस्स अलंकारो तहेव जाव कप्परुक्खगंपिव अलंकियविभूसिपं करेंति २ करयल जाव कडु सिवभर कुमारं जएणं| |विजएणं वायति जगणं विजएणं बद्धावेत्ता ताहिं इट्ठाहिं कंताहिं पियाहिं जहा उववाहए कोणिपस्स जाव परमा पालयाहि इहजणसंपरिबुडे हस्थिणपुरस्स नगरस्स अन्नेसिं च बहूर्ण गामागरनगर जाव विह-17 राहित्सिकह जयजयस पति , तए णं से सिवभ कुमारे राया जाए महया हिमवंत वसओ जाव विहरह, तए णं से सिये राया अन्नया कयाई सोभणसि तिहिकरणदिवसमुहत्सनक्खतसि विपुलं असणपाण-1 | ॥५१५॥ खाइमसाइमं वक्खडावेंति वक्खडावेत्ता मित्तणाइनियगजावपरिजर्ण रापाणो य खसिया आमंतेति + दीप अनुक्रम [५०६-५०८]] शिवराजर्षि-कथा ~ 1035~
SR No.004105
Book TitleAagam 05 BHAGVATI Moolam evam Vrutti
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDipratnasagar, Deepratnasagar
PublisherDeepratnasagar
Publication Year2014
Total Pages1967
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari & agam_bhagwati
File Size424 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy