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जैनधर्म दर्शन में तनाव और तनावमुक्ति
सहायक सिद्ध हुआ है। इसी प्रकार, जैन विश्वभारती विश्वविद्यालय के स्टाफ और विशेष रूप से उसके ग्रन्थालय का भी इस शोधकार्य में सहयोग रहा है, अतः उनके प्रति भी आभार व्यक्त करती हूँ ।
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इस शोध - सामग्री को कम्प्यूटराइज्ड करने में राजाजी ग्राफिक्स, शाजापुर के श्री शिरीष सोनी का विशिष्ट सहयोग रहा है, उनके प्रति भी धन्यवाद ज्ञापित करती हूँ ।
इसके अतिरिक्त, प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से इस शोधप्रबंध के . प्रणयन में जो भी सहयोगी बनें, उन सबके प्रति मैं अपनी कृतज्ञता ज्ञापित करती हूं।
इस सम्पूर्ण शोधप्रबंध में अज्ञान एवं प्रमादवश त्रुटियाँ रहना स्वाभाविक है, अतः प्रबुद्धजन अपने सुझाव एवं मंतव्य प्रस्तुत करने हेतु सादर आमंत्रित हैं।
तृप्ति जैन
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