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________________ अध्याय १ : मोक्षमार्ग ६९ यह पाँच नय हैं । आद्य ( अर्थात् प्रथम- नैगम नय) के दो और शब्द नय के तीन भेद हैं । विवेचन प्रस्तुत दोनों सूत्रों में नयों के नामों का निर्देश किया साथ ही यह भी बतलाया है कि नैगम नय के दो भेद हैं और शब्द नय के तीन भेद हैं । मूल सूत्र में न तो इन उपभेदों के नाम ही बताये हैं और न यही बताया है कि इन नयों का विषय क्या और कितना है । किन्तु स्वयं सूत्रकार ने अपने स्वोपज्ञभाष्य में इन सबका स्पष्ट रूप से वर्णन कर दिया है । (१) नैगम नय सात नयो में यह पहला नय है, इसका क्षेत्र भी सबसे अधिक व्यापक है, अतः इसका हार्द स्पष्ट रूप में समझ लेना चाहिए। 'निगम' शब्द के अनेक अर्थों में एक अर्थ है नगर तथा एक अर्थ है- मार्ग । जिस प्रकार नगर में जाने के अनेक मार्ग होते हैं, 1 उसी प्रकार वस्तु तत्त्व को समझने की अनेक विधियों वाली शैली को 'नैगम नय' कह सकते हैं । ✔ आचार्य जिनभद्रगणी ने 'निगम' की व्युत्पत्ति इस प्रकार की है गगमोऽणेगपहो णेगमो (विशेषा. २,२६८२-८३) 'गम' अर्थात् मार्ग; जिसके अनेक मार्ग : हैं वह 'नैगम' है । - न्याय ग्रन्थ के अनुसार भी 'नैगम' का यही अर्थ मान्य है नैगम - अर्थात् जो अनेक गमों-बोध-मार्गो से वस्तु को जाने - वह नैगम नय (रत्नाकरा. ७/७) 'नैगम नय' पदार्थ को सामान्य- विशेष एवं उभयात्मक मानता है । एक अंश उत्पन्न होते ही सम्पूर्ण वस्तु का ग्रहण कर लेता है । अनुयोगद्वार सूत्र (सूत्र ४७६ ) में प्रस्थक (पायली - वस्तुओं के माप करने वाले पात्र का नाम ) का एक सुन्दर रोचक उदाहरण देकर समझाया गया है । कोई व्यक्ति कुल्हाड़ी लेकर प्रस्थक (पायली) बनाने के लिए काष्ट लेने के लिए वन में गया । मार्ग में किसी ने पूछा- कहाँ जा रहे हो ? उत्तर में वह कहता है, प्रस्थक लेने जा रहा हूँ ? इसी प्रकार लकड़ी काटते देखकर कोई पूछे कि क्या काट रहे हो ? तो वह कहता है प्रस्थक काट रहा हूँ । शब्दों के जितने जो अर्थ लोक-प्रचलित हैं, उन सबको मान्य करना नैगम नय विषय है । यह नय भूत, भविष्य और वर्तमान तीनों कालों को ग्रहण करता है Jain Education International — - For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004098
Book TitleTattvartha Sutra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKevalmuni, Shreechand Surana
PublisherKamla Sadhanodaya Trust
Publication Year2005
Total Pages504
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size8 MB
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