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________________ २७२ तत्त्वार्थ सूत्र : अध्याय ६ : सूत्र ११ (२) निन्हव ज्ञान, ज्ञानदाता गुरू का नाम छिपाना तथा अरिहंत भगवान द्वारा प्ररूपित तत्त्वस्वरूप के विपरीत प्ररूपणा करना । जमाली आदि ऐसे सात निन्हव परम्परा में प्रसिद्ध हैं, जिन्होंने भगवान महावीर द्वारा प्ररूपित सिद्धान्तों की अपने मनमाने ढंग से प्ररूपणा की थी । यहाँ निन्हव और विरोधी का अर्थ समझ लेना चाहिए । विरोधी तो स्पष्ट विरोधी होता है, वह जिनमार्ग के अतिरिक्त किसी अन्य धर्म परम्परा का अनुयायी होता है, किन्तु निन्हव स्वयं को जिनमार्ग का अनुयायी मानता है, ऐसा कहता भी है, फिर भी जिनोक्त तत्त्व का अपलाप करके मनमाना अर्थ लगाता है और उसी का प्रचार-प्रसार जिनोक्त तत्त्व कहकर करता है । इसका अभिप्राय है ईर्ष्या । ज्ञान और ज्ञानी से ईर्ष्या (३) मात्सर्य रखना, जलन रखना । (४) अन्तराय देना आदि । इसी में ज्ञानाभ्यास में विघ्न डाल देना, पुस्तक आदि छिपा ज्ञान -प्रसार के साधनों का विरोध भी सम्मिलित है । (५) आसादन कोई व्यक्ति दूसरे को ज्ञान का उपदेश दे रहा हो, तत्त्वज्ञान सिखा रहा हो तो उसे संकेत से रोक देना अथवा कह देना - यह तो कुछ सीख ही नहीं सकता, मंदबुद्धि है, व्यर्थ समय बर्बाद करना है । (६) उपघात आगम अथवा जिनोक्त ज्ञान में व्यर्थ के दूषण लगाना । भाष्य के अनुसार ज्ञान एवं ज्ञानी के गुणों को ढकना आसादन है, और ज्ञान को ही अज्ञान मानकर उसे दूषित करना उपघात है । विशेष व्यावहारिक शिक्षा अथवा ज्ञान प्राप्ति में भी यही सभी बातें अनुचित मानी जाती हैं, जो बच्चे ऐसे कार्य करते हैं, उन्हें स्कूल से बाहर निकाल दिया जाता है । - - - Jain Education International - - - अतः तात्त्विक दृष्टि के साथ-साथ व्यावहारिक दृष्टि से भी यह सभी बातें अनुचित और ज्ञान-प्राप्ति में बहुत बड़ी बाधक बन जाती है । आगम वचन -- परदुक्खणयाये, परसोयणयाए, परतिप्पणयाए, परपिट्टणयाए, परपरियावणयाए, बहूणं जाव सत्ताणं दुक्खणयाए सोयणयाए जाव परियावणयाए एवं खलु गोयमा ! जीवाणं अस्सायावेयणिज्जाकम्मा किज्जन्ते । - भगवती, श. ७, उ. ६, सू. २८६ For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004098
Book TitleTattvartha Sutra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKevalmuni, Shreechand Surana
PublisherKamla Sadhanodaya Trust
Publication Year2005
Total Pages504
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size8 MB
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