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________________ २१४ तत्त्वार्थ सूत्र : अध्याय ४: सूत्र ४८-५३ कहलाता है । चन्द्रविमान में चन्द्रमा के अतिरिक्त सभी उसके परिवारभूत देव होते हैं । उन परिवारभूत देवों की जधन्यस्थिति यत्योदय का चतुर्थ भाग और उत्कृष्ट किन्ही इन्द्र, सामानिक आदि की लाख वर्ष अधिक एक पल्योपम ह । चन्द्रदेव की उत्कृष्ट स्थिति तो मूल पाठ में एक लाख वर्ष अधिक एक पल्योपम बताई गई है ही । इसी प्रकार सूर्यादि के विमानों के सम्बन्ध में भी समझ लेना चाहिए । विशेष दिगम्बर आम्नय के पाठ में लोकान्तिक देवों की स्थिति के विषय में अलग से यह सूत्र लौकान्तिकानामष्टौ सागरोपमाणि सर्वेषा रचकर उनकी जघन्य और उत्कृष्ट स्थिति आठ सागरोपम की बताई गई ह । - दिगम्बर आम्नाय का यह सूत्र स्थानांग स्थान ८, सू. ६२३ और व्याख्याप्रज्ञप्ति श. ६, उ ५ के निम्न पाठ का अनुसरण करता है लोगंतिकदेवाणं जहण्णमणुवकोसेणं अट्ठसागरोवमाई ठिती पण्णत्ता । (लोकान्तिक देवों की उत्कृष्ट और जघन्य आयु आठ सांगरोपम है ।) विशेष शब्दों का स्पष्टीकरण प्रस्तुत ग्रन्थ के तीसरे और चौथे अध्याय में कुछ विशेष शब्दों का उल्लेख हुआ है । इनमें से प्रमुख हैं- योजन, रज्जु और पल्योपम, सागरोपमः इनमें से योजन और रज्जु क्षेत्र माप से सम्बन्धित है तथा पल्योपम और सागरोपम काल माप से । रज्जु का उल्लेख लोक की लम्बाई, चौड़ाई, मोटाइ आदि में तथा योजन का उल्लेख मध्यलोक, द्वीप - समुद्र, घनवात आदि, नरकों के प्रस्तटों, आंतरों तथा एक नरक से दूसरी नरक की दूरी, इसी प्रकार स्वर्गों की परास्परिक दूरी आदि बताने के लिए हुआ है । पल्योपम और सागरोपम द्वारा मनुष्य तिर्यंच, देव और नारकियों की कालस्थित (आयु) बताई गई है । काल के दो भेद है (१) गणनाकाल और (२) उपमाकाल । जहाँ तक संख्याओं में गिनती की जा सके, वह गणना काल कहलाता है और जहाँ गणना सम्भव न हो उस काल का निर्देश उपमा काल से किया गया है । Jain Education International - पल्योपम और सागरोपम उपमा काल के भेद हैं । इसीलिए इनके नाम के साथ उपमा शब्द लगा है- यथा- पल्य + उपम= पल्योपम और सागर+उपम=सागरोपम (सागर के बराबर) For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004098
Book TitleTattvartha Sutra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKevalmuni, Shreechand Surana
PublisherKamla Sadhanodaya Trust
Publication Year2005
Total Pages504
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size8 MB
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