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________________ 258 जैनदर्शन में व्यवहार के प्रेरकतत्त्व परिग्रही यात्री को संयममार्ग पर आगे बढ़ने नहीं देती। भोगवृत्ति के कारण उसकी दुर्गति हो जाती है। विलासिता केवल भोग का पोषण है। इसमें काम और अहं- दोनों वृत्तियाँ निहित हैं। विलासिता में मनुष्य को कुछ पता नहीं होता, केवल संगह और अर्थ ही बचता है। विलासिता न हमारी आवश्यकता है, न अनिवार्यता, न सुविधा है, न कोरा मनोरंजन। वह केवल भोगवृत्ति का उच्छृखल रूप है। 7. गरीबी की खाई चौड़ी हो जाना परिग्रह के अर्जन, संग्रह और विसर्जन सभी सीधे-सीधे समाज को प्रभावित करते हैं। अर्जन सामाजिक और आर्थिक-प्रगति को प्रभावित करता है, तो संग्रह अर्थ के समवितरण को प्रभावित करता है। इस कारण, अमीर वर्ग में संग्रहवृत्ति के कारण गरीबी की खाई चौड़ी होती जा रही है। अमीर, अमीर बनता जा रहा है और गरीब वर्ग मंहगाई तथा अपनी निजी आवश्यकताओं की पूर्ति करने के लिए निरंतर कड़ा परिश्रम कर रहा है, फिर भी, संग्रह और शोषण की दुष्प्रवृत्तियों के परिणामस्वरूप गरीबी की रेखा से ऊँचा नहीं उठ पा रहा है। जब एक ओर अमीरवर्ग अपने ऐशो-आराम में जीवन व्यतीत करता है तथा दूसरी ओर गरीबी से अभिषप्त व्यक्ति को रोटी के एक टुकड़े के लिए भी सोचना पड़ता है, तब ही वर्ग-संघर्ष का जन्म होता है और सामाजिक-शान्ति भंग होती है। इसका मूल कारण संग्रहवृत्ति ही है। 8. विज्ञापन के माध्यम से गलत जानकारी और प्रदूषण - आधुनिक अर्थशास्त्र का मुख्य सूत्र है - "अनियंत्रित इच्छा ही हमारे लिए कल्याणकारी और विकास का हेतु है। जहाँ इच्छा का नियंत्रण करेंगे, विकास अवरुद्ध हो जाएगा,"487 अतः अर्थ को केन्द्र में रखने के लिए विज्ञापनों के माध्यम से लोगों की इच्छाओं को बढ़ाया जाता है और बाजार का विस्तार किया जाता है। विज्ञापनों के मनोवैज्ञानिक प्रभाव का उपयोग करके अपनी आवश्यक-अनावश्यक वस्तुओं का विक्रय-कर उपभोक्ताओं से अधिक-से-अधिक पैसा खींचना पूंजीपतियों का मुख्य उद्देश्य हो गया है। 487 महावीर का अर्थशास्त्र, आचार्य महाप्रज्ञ, प. 18 Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004097
Book TitleJain Darshan me Vyavahar ke Prerak Tattva
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPramuditashreeji
PublisherPrachya Vidyapith Shajapur
Publication Year2013
Total Pages580
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size9 MB
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