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जैनदर्शन में व्यवहार के प्रेरकतत्त्व
विषय सूची
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अध्याय – 1
23-53
1. विषय-प्रवेश 2. संज्ञा की परिभाषा और स्वरूप । 3. संज्ञा के विभिन्न प्रकार- चार, दस एवं सोलह प्रकार 4. संज्ञा इच्छा या आकांक्षा के रूप में 5. संज्ञा बौद्धिक विवेक के रूप में 6. संज्ञा व्यवहार के प्रेरक तत्त्व के रूप में 7. अन्य धर्मदर्शनों में संज्ञा की अवधारणा 8. आधुनिक मनोविज्ञान में संज्ञा मूलप्रवृत्तियों के रूप में
अध्याय - 2 आहार संज्ञा
54--106
1. आहार संज्ञा का स्वरूप एवं लक्षण 2. आहार संज्ञा के उद्भव के कारण 3. आहार के विभिन्न प्रकार 4. विभिन्न जीवयोनियों में आहार का स्वरूप 5. खाद्य-अखाद्य विवेक 6. अनंतकाय एवं भक्ष्य-अभक्ष्य 7. जैन दर्शन में भक्ष्य-अभक्ष्य विवेक और उसकी प्रासंगिकता
अध्याय – 3 भय संज्ञा
107-155
1. भय का स्वरूप और लक्षण 2. भय के कारण और भय के दुष्परिणाम 3. भय के प्रकार 4. सप्तविध भय की अवधारणा और उसका विश्लेषण । 5. आधुनिक मनोविज्ञान में भय की अवधारणा और उसकी जैन दर्शन
में तुलना
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