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________________ 146 जैनदर्शन में व्यवहार के प्रेरकतत्त्व है।201 इस प्रकार 'ऊँ ह्रीं श्रीं अर्ह मल्लिनाथाय नमः' मंत्र से चोर आदि का भय दूर होता है। 'ऊँ ह्रीं श्रीं अहँ ऋषभदेवाय नमः' मंत्र से सब प्रकार का भय दूर होता है, और ‘णमो अभयदयाणं' मंत्र से अभय की शक्ति का विकास होता है। 202 कई लोग ताबीज और जड़ी-बूटियों के द्वारा भी भय का निवारण करते हैं। अधिक भय लगता है, तो लोग हाथ में ताबीज बांध लेते हैं, जिससे उनका भय समाप्त हो जाता है, या कम हो जाता है। इस प्रकार, हम भय को दूर कर अभय की साधना कर सकते हैं। . 4. चरित्र का विकास - व्यक्ति के काम करने वाली शक्ति ही हमारे चरित्र के विकास की शक्ति है, हमारे चरित्र का बल है और वह बल जैसे-जैसे बढ़ता जाता है, आदमी में अभय का विकास होता है। जब अभय का बल बढ़ता है, तो अनेक मनोकामनाएँ जाने-अनजाने ही पूरी हो जाती हैं, क्योंकि भय मनोकामना की पूर्ति में सबसे बड़ी बाधा है। आशंका और संदेह की वृत्ति भी अभय को प्राप्त नहीं करा सकते, क्योंकि भय से घिरा हआ व्यक्ति या शंका (संदेह) से घिरा हुआ आदमी सफल नहीं हो सकता। बाबा नागपाल कहते हैं - "मैं तो किसी को भी न तो ताबीज देता हूँ, न गंडा देता हूँ, कुछ भी नहीं। सबको कहता हूँ, आहार शुद्ध करो, व्यवहार शुद्ध करो। इसके बिना कुछ भी नहीं है।" चरित्र का विकास होगा, तब अभय की साधना स्वतः ही हो जायेगी। 'समयसार' 04 में कहा है – 'जो किसी प्रकार का अपराध नहीं करता, वह निर्भय होकर जनपद में भ्रमण कर सकता है। इसी प्रकार, निरपराध निर्दोषी आत्मा सर्वत्र निर्भय होकर विचरण करती है। 5. चेतना के अनुभव द्वारा चेतना का अनुभव, अर्थात् जाग्रत अवस्था (आत्म-सजगता)। जब यह अवस्था रहती है, तो भय का अनुभव नहीं होता है। जब आदमी चैतन्य के अनुभव में होता है, तब सांप भी काट जाता है, तो भी सांप का जहर 201 जैनधर्म और तान्त्रिक साधना, पृ. 184 202 मंत्र : एक समाधान, आचार्य महाप्रज्ञ, पृ. 226-229 203 अभय की खोज, पृ. 78 204 04 जो ण कुणइ अवराहे, सो णिस्संको दु जणवए भमदि - समयसार 302 Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004097
Book TitleJain Darshan me Vyavahar ke Prerak Tattva
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPramuditashreeji
PublisherPrachya Vidyapith Shajapur
Publication Year2013
Total Pages580
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size9 MB
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