________________
२२२
प्रज्ञापना सूत्र
गोयमा! सागारपस्सी, णो अणागारपस्सी ।
सेकेणट्टेणं भंते! एवं वुच्चइ० ?
गोयमा ! बेइंदियाणं दुविहा सागारपासणया पण्णत्ता । तंजहा - सुयणाणसागारपासणयाय, सुयअण्णाणसागारपासणयाय, से तेणट्टेणं गोयमा ! एवं वुच्चइ० । एवं इंदियाण वि
*****
भावार्थ - प्रश्न - हे भगवन् ! बेइन्द्रिय जीव साकार पश्यत्ता वाले हैं या अनाकार पश्यत्ता वाले हैं ? उत्तर - हे गौतम! बेइन्द्रिय जीव साकार पश्यत्ता वाले हैं अनाकार पश्यत्ता वाले नहीं । भावार्थ - प्रश्न हे भगवन्! किस कारण से ऐसा कहा जाता है कि बेइन्द्रिय जीव साकार पश्यत्ता वाले हैं अनाकार पश्यत्ता वाले नहीं ?
-
उत्तर - हे गौतम! बेइन्द्रिय जीवों में दो प्रकार की पश्यत्ता कही गई है । यथा - श्रुतज्ञान साकार पश्यत्ता और श्रुतअज्ञान साकार पश्यत्ता। इस कारण से हे गौतम! ऐसा कहा जाता है कि बेइन्द्रिय जीव साकार पश्यत्ता वाले हैं, अनाकार पश्यत्ता वाले नहीं। इसी प्रकार तेइन्द्रिय जीवों के विषय में समझना चाहिये।
Jain Education International
चउरिंदियाणं पुच्छा।
गोमा ! चउरिंदिया सागारपस्सी वि अणागारपस्सी वि ।
सेकेणट्टेणं० ?
गोयमा! जेणं चउरिदिया सुयणाणी सुयअण्णाणी तेणं चउरिदिया सागारपस्सी, जेणं चउरिदिया चक्खुदंसणी तेणं चउरिंदिया अणागारपस्सी, से तेणट्टेणं गोयमा ! एवं वुच्चइं० ।
मणूसा जहा जीवा, अवसेसा जहा णेरड्या जाव वेमाणिया ॥ ६६२ ॥
भावार्थ- प्रश्न- हे भगवन् ! चउरिन्द्रिय जीवों के विषय में पृच्छा ?
उत्तर - हे गौतम! चउरिन्द्रिय जीव साकार पश्यत्ता वाले भी हैं और अनाकार पश्यत्ता वाले भी हैं। प्रश्न - हे भगवन् ! किस कारण से ऐसा कहा जाता है कि चउरिन्द्रिय जीव साकार पश्यत्ता वाले भी हैं और अनाकार पश्यत्ता वाले भी हैं ?
उत्तर - हे गौतम! जो चउरिन्द्रिय जीव श्रुतज्ञानी और श्रुतअज्ञानी हैं वे साकार पश्यत्ता वाले हैं और जो चउरिन्द्रिय जीव चक्षुदर्शनी हैं वे अनाकार पश्यत्ता वाले हैं। इस कारण से हे गौतम! इस प्रकार कहा जाता है कि चउरिन्द्रिय जीव साकार पश्यत्ता वाले भी हैं और अनाकार पश्यत्ता वाले भी हैं ।
For Personal & Private Use Only
www.jainelibrary.org