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प्रज्ञापना सूत्र
अधिक है। उनसे भी तेजो लेश्या वाले देव असंख्यात गुणा हैं। तेजो लेश्या सौधर्म और ईशान देवों के होती है। अंगुल प्रमाण क्षेत्र की प्रदेश राशि के दूसरे वर्गमूल को तीसरे वर्गमूल से गुणित करने पर जितने प्रदेश होते हैं उतने घनीकृत लोक की एक प्रदेश वाली श्रेणियों में जितने आकाश प्रदेश होते हैं उतने कुल वैमानिक देव देवियाँ हैं। उसके एक संख्यातवें भाग जितने ईशान कल्प में देव देवियों का समुदाय है उनसे कुछ न्यून बत्तीसवें भाग जितने ईशान कल्प के देव हैं। उनसे भी संख्यात गुणा सौधर्म कल्प के देव हैं अत: पद्म लेश्या वालों से भी तेजो लेश्या वाले देव असंख्यात गुणा हैं।
वैमानिक देवियाँ सौधर्म और ईशान कल्प में ही होती है और वहाँ केवल तेजो लेश्या है। अन्य दूसरी लेश्याएं वहां नहीं होने के कारण अलग से देवियों का सूत्र नहीं कहा है।
तेजो लेश्या वाले देवों से भी तेजो लेश्या वाली वैमानिक देवियाँ संख्यात गुणी हैं क्योंकि देवों की अपेक्षा देवियाँ लगभग बत्तीसगुणी हैं।
एएसि णं भंते! भवणवासीदेवाणं वाणमंतराणं जोइसियाणं वेमाणियाण य देवाण य कण्हलेस्साणं जाव सुक्कलेस्साण य कयरे कयरेहितो अप्पा वा बहुया वा तुल्ला वा विसेसाहिया वा? .. ___ गोयमा! सव्वत्थोवा वेमाणिया देवा सुक्कलेस्सा, पम्हलेस्सा असंखिज गुणा, तेउलेस्सा असंखिज गुणा, तेउलेस्सा भवणवासी देवा असंखिज गुणा, काउलेस्सा असंखिज गुणा, णीललेस्सा विसेसाहिया, कण्हलेस्सा विसेसाहिया, तेउलेस्सा वाणमंतरा देवा असंखिज्ज गुणा, काउलेस्सा असंखिज मुणा, णीललेस्सा विसेसाहिया, कण्हलेस्सा विसेसाहिया, तेउलेस्सा जोइसिया देवा संखिज गुणा।
भावार्थ-प्रश्न-हे भगवन्! इन कृष्ण लेश्या वाले यावत् शुक्ल लेश्या वाले भवनवासी, वाणव्यन्तर, ज्योतिषी और वैमानिक देवों में से कौन, किनसे अल्प, बहुत, तुल्य अथवा विशेषाधिक हैं ?
उत्तर - हे गौतम! सबसे थोड़े शुक्ल लेश्या वाले वैमानिक देव हैं, उनसे पद्म लेश्या वाले वैमानिक देव असंख्यात गुणा हैं, उनसे तेजो लेश्या वाले वैमानिक देव असंख्यात गुणा हैं, उनसे तेजो लेश्या वाले भवनवासी देव असंख्यात गुणा हैं, उनसे कापोत लेश्या वाले भवनवासी देव असंख्यात गुणा हैं, उनसे नील लेश्या वाले भवनवासी देव विशेषाधिक हैं, उनसे कृष्ण लेश्या वाले भवनवासी देव विशेषाधिक हैं, उनसे तेजो लेश्या वाले वाणव्यन्तर देव असंख्यात गुणा हैं, उनसे कापोत लेश्या वाले वाणव्यन्तर देव असंख्यात गुणा हैं, उनसे नील लेश्या वाले वाणव्यन्तर देव विशेषाधिक हैं, उनसे कृष्ण लेश्या वाले वाणव्यन्तर देव विशेषाधिक हैं, उनसे भी तेजो लेश्या वाले ज्योतिषी देव संख्यात गुणा हैं।
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