________________
१९६
प्रज्ञापना सूत्र
भावार्थ - प्रश्न - हे भगवन् ! सामान्य नैरयिक यदि जलचर पंचेन्द्रिय तिर्यंच योनिकों से उत्पन्न होते हैं तो क्या सम्मूछिम जलचर पंचेन्द्रिय तिर्यंच योनिकों से उत्पन्न होते हैं ? या गर्भज जलचर पंचेन्द्रिय तिर्यंच योनिकों से उत्पन्न होते हैं?
उत्तर - हे गौतम! सामान्य नैरयिक सम्मूछिम जलचर पंचेन्द्रिय तिर्यंच योनिकों से भी उत्पन्न होते हैं और गर्भज जलचर पंचेन्द्रिय तिर्यंच योनिकों से भी उत्पन्न होते हैं।
जइ सम्मुच्छिम जलयर पंचिंदिय तिरिक्खजोणिएहितो उववजंति किं पजत्तय सम्मुच्छिम जलयर पंचिंदिय-तिरिक्खजोणिएहितो उववजंति, अपज्जत्तय-सम्मुच्छिम जलयर पंचिंदिय तिरिक्खजोणिएहिंतो उववजंति?
गोयमा! पजत्तय सम्मुच्छिम जलयर पंचिंदिय-तिरिक्खजोणिएहितो उववजंति, . णो अपज्जत्तय सम्मुच्छिम जलयर पंचिंदिय-तिरिक्खजोणिएहिंतो उववजंति।
भावार्थ - प्रश्न - हे भगवन्! सामान्य नैरयिक यदि सम्मूछिम जलचर पंचेन्द्रिय तिर्यंच योनिकों से उत्पन्न होते हैं तो क्या पर्याप्तक सम्मूछिम जलचर पंचेन्द्रिय तिर्यंच योनिकों से उत्पन्न होते हैं या अपर्याप्तक सम्मूछिम जलचर पंचेन्द्रिय तिर्यंच योनिकों से उत्पन्न होते हैं ?
उत्तर - हे गौतम! सामान्य नैरयिक पर्याप्तक सम्मूछिम जलचर पंचेन्द्रिय तिर्यंच योनिकों से उत्पन्न होते हैं किन्तु अपर्याप्तक सम्मूर्छिम जलचर पंचेन्द्रिय तिर्यंच योनिकों से उत्पन्न नहीं होते हैं।
जइ गब्भवक्कंतिय जलयर पंचिंदिय तिरिक्खजोणिएहिंतो उववजंति किं पज्जत्तय गब्भवक्कंतिय जलयर पंचिंदिय तिरिक्खजोणिएहिंतो उववजंति, अपजत्तयगब्भवक्कंतिय जलयर पंचिंदिय तिरिक्खजोणिएहितो उववजंति? ___ गोयमा! पजत्तय गब्भवक्कंतिय जलयर पंचिंदिय तिरिक्खजोणिएहितो उववजंति, णो अपजत्तय गब्भवक्कंतिय जलयर पंचिंदिय तिरिक्खजोणिएहितो उववजंति ॥३०४॥
भावार्थ - प्रश्न - सामान्य नैरयिक यदि गर्भज जलचर पंचेन्द्रिय तिर्यंच योनिकों से उत्पन्न होते हैं तो क्या पर्याप्तक गर्भज जलचर पंचेन्द्रिय तिर्यंच योनिकों से उत्पन्न होते हैं या अपर्याप्तक गर्भज जलचर पंचेन्द्रिय तिर्यंच योनिकों से उत्पन्न होते हैं ?
उत्तर - हे गौतम! सामान्य नैरयिक पर्याप्तक गर्भज जलचर पंचेन्द्रिय तिर्यंच योनिकों से उत्पन्न होते हैं किन्तु अपर्याप्तक गर्भज जलचर पंचेन्द्रिय तिर्यंच योनिकों से उत्पन्न नहीं होते हैं।
जइ थलयर पंचिंदिय तिरिक्खजोणिएहितो उववजंति किं चउप्पय थलयर पंचिंदिय
Jain Education International
For Personal & Private Use Only
www.jainelibrary.org