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भगवती सूत्र-श. २५ उ. ३ संस्थान के प्रदेश
योगसमयठिईए एवं जाव आयए।
भावार्थ-३६ प्रश्न-हे भगवन् ! परिमण्डल संस्थान कृतयुग्म समय की स्थिति वाला है, व्योज समय की स्थिति वाला है, द्वापरयुग्म समय की स्थिति वाला है या कल्योज समय की स्थिति वाला है ?
३६ उत्तर-हे गौतम ! कदाचित् कृतयुग्म समय की स्थिति वाला है यावत् कदाचित् कल्योज समय की स्थिति वाला है। इस प्रकार यावत् आयत संस्थान पर्यन्त ।
३७ प्रश्न-परिमंडला णं भंते ! संठाणा किं कडजुम्मसमयठिईया-पुच्छा।
३७ उत्तर-गोयमा ! ओघादेसेणं सिय कडजुम्मसमयठिईया जाव सिय कलियोगसमयठिईया । विहाणादेसेणं कडंजुम्मसमयटिईया वि जाव कलियोगसमयठिईया वि एवं जाव आयया ।
भावार्थ-३७ प्रश्न-हे भगवन् ! परिमण्डल संस्थान कृतयुग्म समय की स्थिति वाले हैं. ?
३७ उत्तर-हे गौतम ! ओघादेश से कदाचित् कृतयुग्म समय की स्थिति वाले हैं, यावत् कदाचित् कल्योज समय की स्थिति वाले हैं। विधानादेश से कृतयुग्म समय की स्थिति वाले भी हैं, यावत् कल्योज समय की स्थिति वाले . भी हैं । इस प्रकार यावत् आयत संस्थान पर्यन्त ।
३८ प्रश्न-परिमंडले णं भंते ! संठाणे कालवण्णपजवेहिं किं काडजुम्मे जाव कलियोगे?
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