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भगवती सूत्र-श. २४ उ. ३ संस्थान के प्रदेश
२७ उत्तर-गोयमा ! कडजुम्मपएसोगाढे, णो तेयोगपएसोगाढे, णो दावरजुम्मपएसोगाढे, णो कलियोगपएसोगाढे।
भावार्थ-२७ प्रश्न-हे भगवन् ! परिमण्डल संस्थान कृतयुग्म प्रदेशावगाढ़ है, यावत् कल्योज प्रदेशावगाढ़ है ?
२७ उत्तर-हे गौतम ! वह कृतयुग्म प्रदेशावगाढ़ है, किन्तु व्योज प्रदेशावगाढ़ नहीं, द्वापरयुग्म प्रदेशावगाढ़ भी नहीं और कल्योज प्रदेशावगाढ़ भी ' नहीं है।
२८ प्रश्न-वट्टे णं भंते ! संठाणे किं कडजुम्मे-पुच्छा।
२८ उत्तर-गोयमा ! सिय कडजुम्मपएसोगाढे, सिय तेयोगपएसोगाढे, णो दावरजुम्मपएसोगाढे, सिय कलियोगपएसोगाढे ।
भावार्थ-२८ प्रश्न-हे भगवन् ! वृत्त संस्थान कृतयुग्मं प्रदेशावगाढ़ है, इत्यादि ?
__२८ उत्तर-हे गौतम ! कदाचित् कृतयुग्म प्रदेशावगाढ़ है, कदाचित् योज प्रदेशावगाढ़ है, किन्तु द्वापरयुग्म प्रदेशावगाढ़ नहीं होता, हां, कदाचित् कल्योज प्रदेशावगाढ़ होता है ।
२९ प्रश्न-तंसे णं भंते ! संठाणे-पुच्छा।
२९ उत्तर-गोयमा ! सिय कडजुम्मपएसोगाढे, सिय तेयोगपए. सोगाढे, सिय दावरजुम्मपएसोगाढे, णो कलियोगपएसोगाढे । ... भावार्थ-२९ प्रश्न-हे भगवन् ! त्र्यस्र संस्थान कृतयुग्म प्रदेशावगाढ़
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