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________________ भगवती सूत्र - श. २५ उ. ३ संस्थान के प्रदेश २९ उतर- हे गौतम! कदाचित् कृतयुग्म प्रदेशावगाढ, कदाचित् त्र्योज प्रदेशावगाढ़ और कदाचित् द्वापरयुग्म प्रदेशावगाढ़ होता है, किन्तु कल्योज प्रदेशावगाढ़ नहीं होता । ३० प्रश्न - चउरंसे णं भंते! संठाणे० ? ३० उत्तर - जहा वट्टे तहा चउरंसे वि । जानना चाहिये । भावार्थ र्य - ३० प्रश्न - हे भगवन् ! चतुरस्र संस्थान कृतयुग्म प्रदेशावगाढ़ है ० ? ३० उत्तर - हे गौतम ! वृत्त संस्थान समान चतुरस्र संस्थान भी ३२३९ ३१ प्रश्न - आयए णं भंते !० - पुच्छा । ३१ उत्तर - गोयमा ! सिय कडजुम्मपरसोगाढे जाव सिय कलियोगपए सोगा | Jain Education International भावार्थ - ३१ प्रश्न - हे भगवन् ! आयत संस्थान० ? ३१ उत्तर - हे गौतम! कदाचित् कृतयुग्म प्रदेशावगाढ़ और यावत् कदाचित् कल्पोज प्रदेशावगाढ़ होता है । ३२ प्रश्न - परिमंडला णं भंते! संठाणा किं कडजुम्मपरसोगाढा, तेयोगपए सोगाढा - पुच्छा ! ३२ उत्तर - गोयमा । ओघादेसेण वि विहाणादेसेण वि कडजुम्म परसोगाढा, णो तेयोगपरसोगाढा, णो दावरजुम्मपएसो गाढा, णो कलियोग एसो गाढा | For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004092
Book TitleBhagvati Sutra Part 07
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhevarchand Banthiya
PublisherAkhil Bharatiya Sudharm Jain Sanskruti Rakshak Sangh
Publication Year2006
Total Pages692
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_bhagwati
File Size11 MB
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