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________________ ३७९२ भगवती सूत्र-श. ४१. उ.१ ११ उत्तर-हे गौतम ! वे सलेशी होते हैं, अलेशी नहीं होते। १२ प्रश्न-जह सलेस्सा किं सकिरिया, अकिरिया ? १२ उत्तर-गोयमा ! सकिरिया, णो अकिरिया । भावार्थ-१२ प्रश्न-हे भगवन् ! यदि वे सलेशी होते हैं, तो सक्रिय होते हैं अथवा अक्रिय ? १२ उत्तर-हे गौतम ! वे सक्रिय होते हैं, अक्रिय नहीं होते। १३ प्रश्र-जइ सकिरिया तेणेव भवग्गहणेणं सिम्झंति जाव अंतं करेंति ? १३ उत्तर-णो इणटे समटे । भावार्थ-१३ प्रश्न-हे भगवन् ! यदि वे सक्रिय होते हैं, तो उसी भव में सिद्ध होते हैं यावत् सभी कर्मों का अन्त करते हैं ? ____ १३ उत्तर-हे गौतम ! यह अर्थ समर्थ नहीं। १४ प्रश्न-रासीजुम्मकडजुम्मअसुरकुमारा णं भंते ! कओ उव. वज्जति ? .१४ उत्तर-जहेव णेरडया तहेव गिरवसेसं, एवं जाव पंचिंदियः तिरिक्खजोणिया । णवरं वणस्सइकाइया जाव असंखेजा वा अणंता वा उववजंति, सेसं एवं चेव । मण्णुस्सा वि एवं चेव जाव ‘णो आयजसेणं उववजंति, आयअजसेणं उववनंति'। भावार्थ-१४ प्रश्न-हे भगवन् ! कृतयुग्म राशि असुरकुमार कहाँ से आते हैं? Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004092
Book TitleBhagvati Sutra Part 07
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhevarchand Banthiya
PublisherAkhil Bharatiya Sudharm Jain Sanskruti Rakshak Sangh
Publication Year2006
Total Pages692
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_bhagwati
File Size11 MB
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