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अवांतर शतक 8
- एवं काउलेस्सेहि वि ।
॥ उत्थं बेईदियं महाजुम्मसयं समत्तं ॥
- इसी प्रकार कापोतलेश्या वाले बेइन्द्रिय का शतक है ।
अवांतर शतक ५-८
१ प्रश्न - भवसिद्धिय कडजुम्मकड जुम्मबेइंदिया णं भंते !• ?
१ उत्तर - एवं भवसिद्धियसया वि चत्तारि तेणेव पुव्वगमपूर्ण यव्वा । णवरं सव्वे पाणा० ? णो इणट्टे समट्टे । सेसं तहेव ओहियस्याणि चत्तारि ।
'सेवं भंते ! सेवं भंते !' ति
॥ छत्तीस मे सए अट्टमं बेइंदियमहा जुम्मसयं समत्तं ॥
१ प्रश्न - हे भगवन् ! भवसिद्धिक कृतयुग्मकृतयुग्म राशि बेइन्द्रिय ० ? १ उत्तर - हे गौतम! पूर्वोक्त पाठ से भवसिद्धिक जीवों के चार शतक जानो । विशेष में प्रश्न - सर्वप्राण भूत- जीव-सत्व यावत् अनन्त बार उत्पत्र हुए ? उत्तर- 'ऐसा नहीं है'। शेष पूर्ववत् । ये चार औधिक शतक हुए ।
अवांतर शतक ९-१२
- जहा भवसिद्धियसयाणि चत्तारि एवं अभवसिद्धियसयाणि चत्तारि
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