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भगवती सूत्र-श. ३६ अवान्तर शतक २, ३
और पांचवां, ये तीन उद्देशक एक समान हैं। शेष आठ उद्देशक एक समान हैं। ॥ छत्तीसवें शतक का प्रथम बेइन्द्रिय महायुग्म शतक सम्पूर्ण ॥
अवान्तर शतक २ .
१ प्रश्न-कण्हलेस्सकडजुम्मकडजुम्मबेइंदिया णं भंते ! कओ उववज्जति ?
१ उत्तर-एवं चेव । कण्हलेस्सेसु वि एक्कारसउद्देसगसंजुत्तं सयं । णवरं लेस्सा, संचिट्ठणा, ठिई जहा एगिदियकण्हलेस्साणं ।
॥ छत्तीसइमे सए बिइयं बेइंदियमहाजुम्मसयं समत्तं ॥ - मावार्थ-१ प्रश्न-हे भगवन् ! कृष्णलेश्या वाले कृतयुग्मकृतयुग्म राशि बेइन्द्रिय जीव कहां से आते हैं ?
१ उत्तर-हे गौतम ! पूर्ववत् । कृष्णलेश्या वाले जीवों के ग्यारह उद्देशक सहित शतक जानना चाहिये । विशेष में लेश्या मंचिढाणा (कायस्थिति. काल) स्थिति, कृष्णलेश्या वाले एकेन्द्रिय जीवों के समान है।
अवान्तर शतक ३
-एवं णीललेस्सेहि वि सयं ।
॥ छत्तीसइमे सए तइयं बेइंदियमहाजुम्मसयं समत्तं ॥ भावार्थ-इसी प्रकार नीललेश्या वाले बेइन्द्रिय जीवों का शतक है।
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