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________________ भगवती सूत्र-श. ३५ अवान्तर शतक १ उ. १ ३७४१ भावार्थ-१३ प्रश्न-हे भगवन् ! कृतयुग्मभ्योज राशि के एकेन्द्रिय जीव कहां से आते हैं ? १३ उत्तर-हे गौतम ! उपपात पूर्ववत् । १४ प्रश्न-ते णं भंते ! जीवा एगसमए-पुच्छा। १४ उत्तर-गोयमा ! एगूणवीसा वा संखेजा वा असंखेजा वा अणंता वा उववजंति, सेसं जहा कडजुम्मकडजुम्माणं जाव अणंतखुत्तो। भावार्थ-१४ प्रश्न-हे भगवन् ! वे जीव एक समय में कितने उत्पन्न होते हैं ? १४ उत्तर-हे गौतम ! उन्नीस, संख्यात, असंख्यात या अनन्त उत्पन्न होते हैं । शेष पूर्ववत्, कृतयुग्मकृतयुग्म राशि एकेन्द्रिय के अनुसार यावत् 'पहले अनेक बार अथवा अनन्त बार उत्पन्न हुए हैं'-पर्यन्त । .१५ उत्तर-कडजुम्मदावरजुम्मएगिंदिया णं भंते ! कओहितो उववजंति ? १५ उत्तर-उववाओ तहेव । ... भावार्थ-१५ प्रश्न-हे भगवन् ! कृतयुग्मद्वापरयुग्म राशि के एकेन्द्रिय जीव कहां से आते हैं ? __१५ उत्तर-हे गौतम ! पूर्ववत् । १६ प्रश्न-ते णं भंते ! जीवा एगसमएणं-पुच्छा। १६ उत्तर-गोयमा ! अट्ठारस वा संखेजा वा असंखेजा वा Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004092
Book TitleBhagvati Sutra Part 07
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhevarchand Banthiya
PublisherAkhil Bharatiya Sudharm Jain Sanskruti Rakshak Sangh
Publication Year2006
Total Pages692
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_bhagwati
File Size11 MB
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