________________
भगवती सूत्र - श. ३३ अवांतर शतक ६
२ प्रश्न - हे भगवन् ! भवसिद्धिक अपर्याप्त सूक्ष्म पृथ्वीकायिक जीव के कर्म-प्रकृतियाँ कितनी कही हैं ?
३६७७
२ उत्तर - हे गौतम ! प्रथम एकेन्द्रिय शतक के अनुसार मवसिद्धिक शतक भी कहना चाहिये । उद्देशकों की परिपाटी भी उसी प्रकार यावत् अचरम उद्देशक पर्यन्त ।
॥ तेतीसवें शतक का पांचवां अवान्तर शतक सम्पूर्ण ||
अवान्तर शतक ६
१ प्रश्न – कइ विहा णं भंते ! कण्डलेस्सा भवसिद्धिया एगिंदिया पण्णत्ता - १
१ उत्तर - गोयमा ! पंचविहा कण्हलेस्सा भवसिद्धिया एगिंदिया पण्णत्ता, तं जहा - पुढविकाइया जाव वणस्सइकाइया ।
भावार्थ - १ प्रश्न - हे भगवन् ! कृष्णलेश्या वाले भवसिद्धिक एकेन्द्रिय जीव कितने प्रकार के कहे हैं ?
१ उत्तर - हे गौतम! कृष्णलेश्या वाले भवसिद्धिक एकेन्द्रिय पाँच प्रकार के कहे हैं। यथा- पृथ्वीकायिक यावत् वनस्पतिकायिक ।
Jain Education International
२ प्रश्न - कण्हलेस्सभवसिद्धियपुढ विकाइया णं भंते ! कइविहा पण्णत्ता ?
२ उत्तर - गोयमा ! दुविहा पण्णत्ता, तं जहा - सुहुमपुढविकाइया
य बायरपुद विकाइया य ।
For Personal & Private Use Only
www.jainelibrary.org