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________________ भगवती सूत्र-श. ३० उ १ ममवमरण ३६२३ २३ प्रश्न-किरियावाई णं भंते ! णेरड्या किं णेग्हयाउयं-पुच्छा। २३. उत्तर-गोयमा! णो णेरहयाउयं०, मोतिरिक्ख०, मणुस्सा. उयं पकरेंति, णो देवाउयं पकरेंति । भावार्थ-२३ प्रश्न-हे भगवन् ! क्रियावादी नैरयिक, नरयिक का आयु बांधते हैं? २३ उत्तर-हे गौतम ! वे नरयिक, तियंच और देव का आय नहीं बांधते, मनुष्य का आयु बांधते हैं। ____ २४ प्रश्न-अकिरियावाई ण भंते ! गेरइया-पुन्छा । .. ____ २४ उत्तर-गोयमा ! णो णेरड्याउयं०, तिरिक्खजोणियाउयं पकरेंति, मणुस्साउयं पि पकरेंति, णो देवाउय पकरेंति । एवं अण्णा. पियवाई वि, वेणयवाई वि। ____भावार्थ-२४ प्रश्न-हे भगवन् ! अक्रियावादी नरयिक, नरयिक का आयु बांधते हैं ? .... २४ उत्तर-हे गौतम ! वे नरयिक और देव का आय नहीं बांधते, किन्तु तिथंच और मनुष्य का आय बांधते हैं । अज्ञानवादी और विनयवादी भी इसी प्रकार । २५ प्रश्न-सलेस्सा णं भंते ! णेरड्या किरियावाई किं णेरड्याउयं०१ ____२५ उत्तर-एवं सव्वे वि णेरड्या जे किरियावाई ते मणुस्साउयं एगं पकरेंति, जे अकिरियावाई, अण्णाणियवाई, वेणइयवाई ते सव्व Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004092
Book TitleBhagvati Sutra Part 07
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhevarchand Banthiya
PublisherAkhil Bharatiya Sudharm Jain Sanskruti Rakshak Sangh
Publication Year2006
Total Pages692
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_bhagwati
File Size11 MB
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