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________________ ३६१६ १० प्रश्न - किरियावाई णं भंते! जीवा किं णेरड्याउयं पकरेंति तिरिक्खजोणियाज्यं पकरेंति, मणुस्साज्यं पकरेंति, देवाज्यं पकरेंति ? १० उत्तर - गोयमा ! णो णेरइयाउयं पकरेंति, णो तिरिक्खजोणियाउयं पकरेंति, मणुस्साउयं पिपकरेंति, देवाउयं पिपकरेंति । : भगवती सूत्र - श ३० उ. १ समवसरण भावार्थ - १० प्रश्न - हे भगवन् ! क्रियावादी जीव, नैरयिक का आयु बांधते हैं या तिच-योनिक, मनुष्य अथवा देव का आयु बांधते हैं ? . १० उत्तर - हे गौतम! क्रियावादी जीव, नैरयिक और तियंच-योनिक का आयु नहीं बाँधते, किन्तु मनुष्य और देव का आयु बांधते हैं । ११ प्रश्न - जह देवायं पकरेंति किं भवणवासीदेवाउयं पकरेंति जाव वैमाणियदेवायं पकरेंति ? ११ उत्तर - गोयमा ! णो भवणवासीदेवाज्यं पकरेंति, णो वाणमंतर देवाउयं पकरेंति णो जोइसियदेवाज्यं पकरेंति, वेमाणियदेवाउयं पकरेंति । भावार्थ - ११ प्रश्न - हे भगवन् ! यदि क्रियावादी जीव देव का आयु ध है, तो पति देव को आयु बांधते हैं, अथवा यावत् वैमानिक देव बांधते हैं ? ११ उत्तर - हे गौतम ! वे भवनपति, वाणव्यन्तर और ज्योतिषी देव आयु नहीं बाँध, किन्तु वैमानिक देव का आयें बाँधते हैं । १२ प्रश्न - अकिरियावाई णं भंते! जीवा किं णेरहयाज्यं पकरेंति, तिरिक्ख० - पुच्छा । Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004092
Book TitleBhagvati Sutra Part 07
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhevarchand Banthiya
PublisherAkhil Bharatiya Sudharm Jain Sanskruti Rakshak Sangh
Publication Year2006
Total Pages692
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_bhagwati
File Size11 MB
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