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शतक २६ उद्देशक २
अनन्तरोपपत्रक के बन्ध
१ प्रश्न-अर्णतरोववण्णए णं भंते ! गेरइए पावं कम्मं किं बंधी-पुच्छा तहेव ।
१ उत्तर-गोयमा ! अत्थेगइए बन्धी पढम-बिया भंगा।
भावार्थ-१ प्रश्न-हे भगवन् ! अनन्तरोपपन्नक नरयिक ने पाप-कर्म बांधा था? ... १ उत्तर-हे गौतम ! किसी ने बांधा था इत्यादि पहला और दूसरा भंग होता है।
- २ प्रश्न-सलेस्से णं भंते ! अणंतरोववण्णए गेरइए पावं कम्म किं बन्धी-पुच्छा। ____२ उत्तर-गोयमा ! पढम-बिइया भंगा, एवं खलु सव्वस्थ पढमबिइया भंगा, णवरं सम्मामिच्छत्तं मणजोगो वइजोगो यण पुच्छिजह । एवं जाव थणियकुमाराणं । बेइंदिय-तेइंदिए-चउरिंदियाणं वयजोगोण भण्णइ । पंचिंदिय-तिरिक्ख-जोणियाणं पि सम्मामिच्छत्तं, ओहिणाणं, विभंगणाणं, मणजोगो, वयजोगो-एयाणि पंच पयाणि ण भण्णंति । मणुस्साणं अलेस्स-सम्मामिच्छत्त-मणपज्जवणाण-केवलणाण-विभंग
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