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________________ भगवती सूत्र - श. २५ उ. ७ आकर्ष द्वार भावार्थ - ७२ प्रश्न - हे भगवन् ! छेदोपस्थापनीय संयत के एक भव में कितने आकर्ष कहे हैं ? ७२ उत्तर - हे गौत्तम ! जघन्य एक और उत्कृष्ट बीस पृथक्त्व ( दो बीसी से छह बीसी तक) होते हैं । ७३ प्रश्न - परिहारविमुद्धियम्स - पुच्छा । ७३ उत्तर - गोयमा ! जहणेणं एक्को, उक्कोसेणं तिण्णि । भावार्थ - ७३ प्रश्न - हे भगवन् ! परिहारविशुद्धिक संयत के एक भव में कितने ० ? ७३ उत्तर - हे गौतम ! जघन्य एक और उत्कृष्ट तीन आकर्ष कहे हैं । ३४७९ आकर्ष ० ? Jain Education International ७४ प्रश्न - मुहममपरायस्स - पुच्छा । ७४ उत्तर - गोयमा ! जहण्णेणं एक्को, उक्कोसेणं चत्तारि । भावार्थ- ७४ प्रश्न हे भगवन् ! सूक्ष्म-संपराय के एक भव में कितने ७४ उत्तर - हे गौतम! जघन्य एक और उत्कृष्ट चार आकर्ष कहे हैं । ७५ प्रश्न - अहक्खायस्स - पुच्छा । ७५ उत्तर - गोयमा ! जहण्णेणं एको, उक्कोसेणं दोणि । भावार्थ - ७५ प्रश्न - हे भगवन् ! यथाख्यात संयत के एक भव में कितने ० ? ७५ उत्तर - हे गौतम ! जघन्य एक और उत्कृष्ट वो आकर्ष कहे है । ७६ प्रश्न - सामाइयसंजयस्स णं भंते ! णाणाभवग्गहणिया केवइया आगरिसा पण्णत्ता ? For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004092
Book TitleBhagvati Sutra Part 07
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhevarchand Banthiya
PublisherAkhil Bharatiya Sudharm Jain Sanskruti Rakshak Sangh
Publication Year2006
Total Pages692
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_bhagwati
File Size11 MB
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