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________________ भगवती मूत्र -श. २. उ. ७ परिणाम द्वार ३४६९ प्रश्न-केवइयं कालं हीयमाणपरिणाम ? उत्तर-एवं चेव । भावार्थ-५३ प्रश्न-हे भगवन् ! सूक्ष्म-सम्पराय वर्द्धमान परिणाम वाले कितने काल तक होते हैं ? ५३ उत्तर-हे गौतम ! जघन्य एक समय और उत्कृष्ट अन्तर्मुहूर्त तक। प्रश्न-हे भगवन् ! होयमान परिणाम वाले कितने काल तक होते हैं ? उत्तर-हे गौतम ! इसी प्रकार । ५४ प्रश्न-अहक्वायसंजए णं भंते ! केवइयं कालं वड्डमाणपरिणामे होजा ? ५४ उत्तर-गोयमा ! जहण्णेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेण वि अंतो. मुहुत्तं । प्रश्न-केवइयं कालं अवट्ठियपरिणामे होज्जा ? उत्तर-गोयमा ! जहण्णेणं एक्क समयं, उक्कोसेणं देमूणा पुवकोडी (२०)। ... भावार्थ-५४ प्रश्न-हे भगवन् ! यथाख्यात संयत कितने काल तक वर्द्धमान परिणाम वाले होते हैं ? - ५४ उत्तर-हे गौतम ! जघन्य अन्तर्मुहूर्त और उत्कृष्ट भी अन्तर्मुहूर्त तक वर्द्धमान परिणाम वाले होते हैं। प्रश्न-हे भगवन् ! उनके अवस्थित परिणाम कितने काल तक रहते हैं ? उत्तर-हे गौतम ! जघन्य एक समय और उत्कृष्ट देशोन पूर्वकोटि वर्ष तक (२०)। Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004092
Book TitleBhagvati Sutra Part 07
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhevarchand Banthiya
PublisherAkhil Bharatiya Sudharm Jain Sanskruti Rakshak Sangh
Publication Year2006
Total Pages692
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_bhagwati
File Size11 MB
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