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भगवती सूत्र-श. २५ उ. ७ लेश्य द्वार
४७ प्रश्न-सुहुमसंपरायसंजए--पुच्छा। ४७ उत्तर-गोयमा ! सकसायी होजा, णो अकसायी होजा ।
भावार्थ-४७ प्रश्न-हे भगवन् ! सूक्ष्म-सम्पराय संयत, सकषायी होते हैं या अकषायो ? ___४७ उत्तर-हे गौतम ! सकषायी होते हैं, अकषायो नहीं होते।
४८ प्रश्न-जह सकसायी होजा, से णं भंते ! कइसु कसायेसु होजा?
४८ उत्तर-गोयमा ! एगंमि संजलणलोभे होजा । अहमखायसंजए जहा णियंठे (१८)।
___ भावार्थ-४८ प्रश्न-हे भगवन् ! यदि सूक्ष्म-सम्पराय संयत सकषायी होते हैं, तो कितने कषायों में होते हैं ?
४८ उत्तर-हे गौतम ! एकमात्र संज्वलन लोम होता है । यथाल्यात संयत निग्रंथ के समान हैं (१८)।
लेश्या द्वार
- ४९ प्रश्न-सामाइयसंजए णं भंते ! किं सलेस्से होजा, अलेस्से होजा? - ४९ उत्तर-गोयमा ! सलेस्से होजा-जहा कसायकुसीले । एवं छे भोवट्ठावणिए वि। परिहारविसुद्धिए जहा पुलाए। सुहुमसंपराए जहा
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