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________________ ३४५८ ३४ प्रश्न - सुहुमसंपरायसंजयस्स - पुच्छा । ३४ उत्तर - गोयमा ! असंखेज्जा अतोमुहुत्तिया संजमट्टाणा पण्णत्ता । भावार्थ - ३४ प्रश्न - हे भगवन् ! सूक्ष्म संपराय संयत के संयम-स्थान कितने कहे हैं ? ३४ उत्तर - हे गौतम! अन्तर्मुहूर्त के समय जितने असंख्य संयम स्थान कहे हैं । भगवती सूत्र - २५ उ ७ संयम स्थान पण्णत्ते | ३५ प्रश्न - अहक्खायसंजयस्स - पुच्छा । ३५ उत्तर - गोयमा ! एगे अजहण्णमणुकोसए संजमट्ठाणे Jain Education International भावार्थ - ३५ प्रश्न - हे भगवन् ! यथाख्यात संयत के संयम स्थान कितने कहे हैं ? ३५ उत्तर - हे गौतम ! अजघन्यानुत्कृष्ट संयम-स्थान एक ही कहा है । ३६ प्रश्न - एएसि णं भंते ! सामाइय-छे ओवट्ठावणिय परिहारविसुद्धिय-सुहुमसंप राय- अहक्खायसंजयाणं संजमट्टाणाणं कयरे कयरे जाव विसेसाहिया वा ? ३६ उत्तर - गोयमा ! सव्वत्थोवे अहक्खायसंजमस्स एगे अजहृष्णमणुकोसए संजमट्टाणे, सुहुमसंपरा यसंजयस्स अंतोमुहुत्तिया संजमट्ठाणा असंखेज्जगुणा, परिहारविसुद्धिय संजयम्स संजमट्टाणा असंखेज्जगुणा, सामाइयसंजयस्स छेओवट्टावणियसंजयस्स य एएसि संजमाणा दोह वितुल्ला असंखेजगुणा (१४) । For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004092
Book TitleBhagvati Sutra Part 07
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhevarchand Banthiya
PublisherAkhil Bharatiya Sudharm Jain Sanskruti Rakshak Sangh
Publication Year2006
Total Pages692
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_bhagwati
File Size11 MB
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