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भगवती सूत्र-श. २५ उ. ६. आकर्ष द्वार
प्राप्ति) कितने कहे हैं अर्थात् एक भव में पुलाकपना कितनी बार आता है ?
.. १२८ उत्तर-हे गौतम ! जघन्य एक और उत्कृष्ट तीन आकर्ष होते हैं (एक भव में तीन बार आ सकता है)।
१२९ प्रश्न-बउसस्स णं-पुच्छा।
१२९ उत्तर-गोयमा ! जहण्णेणं एक्को, उक्कोसेणं सयग्गसो। एवं पडिसेवणाकुसीले वि, एवं कसायकुसीले वि। .
कठिन शब्दार्थ-सयग्गसो-शतपरिमाण-शतपृथक्त्व ।।
भावार्थ-१२९ प्रश्न-हे भगवन् ! बकुश के एक भव में आकर्ष कितने होते हैं ?
.. १२९ उत्तर-हे गौतम ! जघन्य एक और उत्कृष्ट शतपृथक्त्व आकर्ष होते हैं । इसी प्रकार प्रतिसेवना-कुशील और कषाय-कुशील भी।
१३० प्रश्न-णियंठस्स णं-पुच्छा। .. .... १३० उत्तर-गोयमा ! जहण्णेणं एक्को, उक्कोसेणं दोण्णि । ".भावार्थ-१३० प्रश्न-हे भगवन् ! निग्रंथ के एक भव में कितने आकर्ष होते हैं ?
१३० उत्तर-हे गौतम ! जघन्य एक और उत्कृष्ट दो आकर्ष होते हैं।
१३१ प्रश्न-सिणायस्स णं-पुच्छा । ...... १३१ उत्तर-गोयमा ! एक्को ।
भावार्थ-१३१ प्रश्न-हे भगवन् ! स्नातक के एक भव में कितने आकर्ष होते हैं ? .. ___१३१ उत्तर-हे गौतम ! एक आकर्ष होता है।
१३२ प्रश्न-पुलागस्स णं भंते ! णाणाभवग्गहणीया केवहया
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