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भगवती सूत्र-श. २५ उ. ६ आकर्ष द्वार
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आगरिसा पण्णत्ता ? - १३२ उत्तर-गोयमा ! जहण्णेणं दोण्णि, उक्कोसेणं सत्त ।
भावार्थ-१३२ प्रश्न-हे भगवन् ! पुलाक के अनेक भवों में कितने आकर्ष होते हैं ?
१३२ उत्तर-हे गौतम ! जघन्य दो और उत्कृष्ट सात आकर्ष होते हैं। ... १३३ प्रश्न-बउसस्स-पुन्छा। . १३३ उत्तर-गोयमा ! जहण्णेणं दोण्णि, उक्कोसेणं सहस्सग्गसो, एवं जाव कसायकुसीलस्स।
भावार्थ-१३३ प्रश्न-हे भगवन् ! बकुश के अनेक भवों में कितने आकर्ष होते हैं ? .
- १३३ उत्तर-हे गौतम ! जघन्य दो और उत्कृष्ट सहस्रपृथक्त्व आकर्ष होते हैं । इसी प्रकार यावत् कषाय-कुशील तक।
१३४ प्रश्न-णियंठस्स णं-पुच्छा। १३४ उत्तर-गोयमा ! जहण्णेणं दोण्णि, उक्कोसेणं पंच ।
भावार्थ-१३४ प्रश्न-हे भगवन् ! निर्ग्रन्थ के अनेक भवों में कितने आकर्ष होते हैं ?
१३४ उत्तर-हे गौतम ! जघन्य दो और उत्कृष्ट पाँच.आकर्ष होते हैं। १३५ प्रश्न-सिणायस्स-पुच्छा। १३५ उत्तर-गोयमा ! णत्थि एको वि २८ ।
भावार्थ-१३५ प्रश्न-हे भगवन् ! स्नातक के अनेक भवों में कितने आकर्ष होते हैं ?
१३५ उत्तर-हे गौतम ! एक भी आकर्ष नहीं होता।
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