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________________ भगवती सूत्र-श. २५ उ. ६ आकर्ष द्वार ३४२३ आगरिसा पण्णत्ता ? - १३२ उत्तर-गोयमा ! जहण्णेणं दोण्णि, उक्कोसेणं सत्त । भावार्थ-१३२ प्रश्न-हे भगवन् ! पुलाक के अनेक भवों में कितने आकर्ष होते हैं ? १३२ उत्तर-हे गौतम ! जघन्य दो और उत्कृष्ट सात आकर्ष होते हैं। ... १३३ प्रश्न-बउसस्स-पुन्छा। . १३३ उत्तर-गोयमा ! जहण्णेणं दोण्णि, उक्कोसेणं सहस्सग्गसो, एवं जाव कसायकुसीलस्स। भावार्थ-१३३ प्रश्न-हे भगवन् ! बकुश के अनेक भवों में कितने आकर्ष होते हैं ? . - १३३ उत्तर-हे गौतम ! जघन्य दो और उत्कृष्ट सहस्रपृथक्त्व आकर्ष होते हैं । इसी प्रकार यावत् कषाय-कुशील तक। १३४ प्रश्न-णियंठस्स णं-पुच्छा। १३४ उत्तर-गोयमा ! जहण्णेणं दोण्णि, उक्कोसेणं पंच । भावार्थ-१३४ प्रश्न-हे भगवन् ! निर्ग्रन्थ के अनेक भवों में कितने आकर्ष होते हैं ? १३४ उत्तर-हे गौतम ! जघन्य दो और उत्कृष्ट पाँच.आकर्ष होते हैं। १३५ प्रश्न-सिणायस्स-पुच्छा। १३५ उत्तर-गोयमा ! णत्थि एको वि २८ । भावार्थ-१३५ प्रश्न-हे भगवन् ! स्नातक के अनेक भवों में कितने आकर्ष होते हैं ? १३५ उत्तर-हे गौतम ! एक भी आकर्ष नहीं होता। Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004092
Book TitleBhagvati Sutra Part 07
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhevarchand Banthiya
PublisherAkhil Bharatiya Sudharm Jain Sanskruti Rakshak Sangh
Publication Year2006
Total Pages692
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_bhagwati
File Size11 MB
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