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________________ कर्म-बन्ध द्वार १.२ प्रश्न-पुलाए णं भंते ! कइ कम्मप्पगडीओ बंधइ ? १०२ उत्तर-गोयमा ! आउयवजाओ सत्त कम्मप्पगडीओ . बंधह। भावार्थ-१०२ प्रश्न-हे भगवन् ! पुलाक, कर्म-प्रकृतियां कितनी बांधता है ? १०२ उत्तर-हे गौतम ! आयुष्य कर्म को छोड़ कर सात कर्म-प्रकृतियाँ बांधता है। १०३ प्रश्न-बउसे पुच्छा। १०३ उत्तर गोयमा ! सत्तविहबंधए वा, अट्टविहबंधए वा । सत्त बंधमाणे आउयवजाओ सत्त कम्मप्पगडीओ बंधइ, अट्ट बंधमाणे, पडिपुण्णाओ अट्ठ कम्मप्पगडीओ बंधइ । एवं पडिसेवणाकुसीले वि। ___भावार्थ-१०३ प्रश्न-हे भगवन् ! बकुश, कर्म-प्रकृतियां कितनी बांधता है ? १०३ उत्तर-हे गौतम ! सात या आठ कर्म:प्रकृतियां बांधता है । जब सात कर्म-प्रकृतियां बांधता है, तो आयुष्य को छोड़ कर शेष सात कर्म-प्रकृतियां बांधता है । जब आयुष्य कर्म बांधता है, तो सम्पूर्ण आठ कर्म-प्रकृतियों को बांधता है । इसी प्रकार प्रतिसेवना-कुशील भी। ... १०४ प्रश्न--कसायकुसीले--पुच्छा। . .. १०४ उत्तर-गोयमा ! सत्तविहबंधए वा, अट्ठविहबंधए वा, छविहबंधए वा । सत्त बंधमाणे आउयवजाओ सत्त कम्मप्पगडीओ बंधइ, अट्ठ बंधमाणे पडिपुण्णाओ अट्ठ कम्मप्पगडीओ बंधइ, छ बंध. Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004092
Book TitleBhagvati Sutra Part 07
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhevarchand Banthiya
PublisherAkhil Bharatiya Sudharm Jain Sanskruti Rakshak Sangh
Publication Year2006
Total Pages692
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_bhagwati
File Size11 MB
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