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________________ भगवती सूत्र - श. २५ उ. ६ लेश्मा द्वार भावार्थ - ८९ प्रश्न - हे भगवन् ! पुलाक सलेशी होते हैं या अलेशी ? ८९ उत्तर - हे गौतम! सलेशी होते हैं, अलेशी नहीं होते । प्रश्न - हे भगवन् ! यदि सलेशी होते हैं, तो कितनी लेश्या में होते हैं ? उत्तर- हे गौतम! तीन विशुद्ध लेश्याओं में होते हैं । यथा - तेजोलेश्या, पद्मलेश्या और शुक्ललेश्या । इसी प्रकार बकुश और प्रतिसेवना-कुशील भी । ९० प्रश्न - कसायकुसीले - पुच्छा । ९० उत्तर - गोयमा ! सलेस्से होज्जा, णो अलेस्से होज्जा । प्रश्न - जइसलेस्से होज्जा, से णं भंते ! कइसु लेसासु होज्जा ? उत्तर - गोयमा ! छसु लेसासु होज्जा, तं जहा - कण्हलेस्साए जाव सुकलेस्साए । अलेशी ? भावार्थ - ९० प्रश्न - हे भगवन् ! कषाय- कुशील सलेशी होते हैं या होते हैं ? Jain Education International ३४०३ ९० उत्तर - हे गौतम! सलेशी होते हैं, अलेशी नहीं होते । प्रश्न - हे भगवन् ! यदि सलेशी होते हैं तो कितनी लेश्याओं में उत्तर - हे गौतम ! छह लेश्याओं में होते हैं । यथा - कृष्णलेश्या यावत् शुक्ललेश्या । ९१ प्रश्न - नियंठे णं भंते ! - पुच्छा । ९१ उत्तर - गोयमा ! सलेस्से होजा । प्रश्न - जइ सलेस्से होज्जा से णं भंते ! कहसु लेस्सासु होज्जा ? उत्तर - गोयमा ! एक्काए सुकलेस्साए होज्जा । For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004092
Book TitleBhagvati Sutra Part 07
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhevarchand Banthiya
PublisherAkhil Bharatiya Sudharm Jain Sanskruti Rakshak Sangh
Publication Year2006
Total Pages692
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_bhagwati
File Size11 MB
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