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________________ ३३७८ भवगती सूत्र - श. २५ उ. ६ काल द्वार ५४ उत्तर - गोयमा ! जम्मणं संतिभावं पडुच्च णो सुसमसुसमा पलिभागे होज्जा, णो सुसमा लिभागे०, णो मुसमदूसमापलिभागे होज्जा, दूसमसुसमापलिभागे होज्जा । भावार्थ - ५४ प्रश्न - हे भगवन् ! यदि पुलाक, नोअवसर्पिणी- नोउत्सर्पिणी में होते हैं, तो क्या सुषमसुषमा समान काल में या सुषमा समान काल में या सुषमदुषमा समान काल में या दुषमसुषमा समान काल में होते हैं ? ५४ उत्तर - हे गौतम! जन्म और सद्भाव की अपेक्षा सुषमसुषमा समान काल में, सुषमा समान काल में और सुषमंदुषमा समान काल में नहीं होते, परन्तु दुषमसुषमा समान काल में होते है । ५५ प्रश्न - बाउसे गं - पुच्छा । ५५ उत्तर - गोयमा ! ओसप्पिणिकाले वा होज्जा, उस्सप्पिणिकाले वा होज्जा, गोओसप्पिणि-गोउस्सप्पिणिक्काले वा होज्जा । भावार्थ - ५५ प्रश्न - हे भगवन् ! बकुश, किस काल में होते हैं ? ५५ उत्तर - हे गौतम ! अवसर्पिणी काल में उत्सर्पिणी काल में, और नोअवसर्पिणी- नोउत्सर्पिणी काल में होते है । ५६ प्रश्न - जइ ओसप्पिणिकाले होज्जा किं सुसमसुसमाकालेहोज्जा - पुच्छा । ५६ उत्तर - गोयमा ! जम्मणं संतिभावं पडुच्च णो सुसमसुसमा काले होज्जा, णो सुसमाकाले होज्जा, सुसमद्रसमाकाले वा होज्जा, दूसमसुसमाकाले वा होज्जा, दूसम काले वा होज्जा, णो दूसमदूसमा Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004092
Book TitleBhagvati Sutra Part 07
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhevarchand Banthiya
PublisherAkhil Bharatiya Sudharm Jain Sanskruti Rakshak Sangh
Publication Year2006
Total Pages692
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_bhagwati
File Size11 MB
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