SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 228
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ भगवती सूत्र - श. २५ उ. ६ काल द्वार काले होज्जा साहरणं पडुच्च अण्णयरे समाकाले होज्जा । भावार्थ - ५६ प्रश्न - हे भगवन् ! बकुश, अवसर्पिणी काल में होते हैं, तो क्या सुषमसुषमा काल में होते हैं ० ? ५६ उत्तर - हे गौतम ! जन्म और सद्भाव की अपेक्षा सुषमसुषमा काल में और सुषमा काल में नहीं होते । सुषमदुषमा काल में, दुषमसुषमा काल में और दुषमा काल में होते हैं, परन्तु दुषमदुषमा काल में नहीं होते । संहरण की अपेक्षा किसी भी काल में होते हैं । ५७ प्रश्न - जइ उस्सप्पिणिकाले होज्जा किं दूसमदूसमा काले होजा ६ - पुच्छा ! ५७ उत्तर - गोयमा ! जम्मणं पडुच्च णो दूसमदूसमाकाले होजा जहेब पुलाए । संतिभावं पडुच्च णो दूसमदूसमाकाले होज्जा, णो दुसमाकाले होज्जा, एवं संतिभावेण वि जहा पुलाए जाव णो सुसम - सुसमाकाले होज्जा | साहरणं पडुच अण्णयरे समाकाले होज्जा । ३३७९ भावार्थ - ५७ प्रश्न - हे भगवन् ! यदि बकुश, उत्सर्पिणी काल में होते हैं, तो क्या दुषमदुषमा काल में होते हैं ० ? ५७ उत्तर - हे गौतम ! जन्म की अपेक्षा दुषमदुषमा काल में नहीं होते इत्यादि पुलाक के समान । सद्भाव की अपेक्षा दुषमदुषमा काल में और दुषमा काल में नहीं होते, इत्यादि पुलाक के समान यावत् सुषमसुषमा काल में नहीं होते । संहरण की अपेक्षा किसी भी काल में होते हैं । ५८ प्रश्न - जड़ णोओस्सप्पिणि-गोउस्सप्पिणिकाले होज्जापुच्छा । Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004092
Book TitleBhagvati Sutra Part 07
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhevarchand Banthiya
PublisherAkhil Bharatiya Sudharm Jain Sanskruti Rakshak Sangh
Publication Year2006
Total Pages692
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_bhagwati
File Size11 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy