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________________ भगवती सूत्र - श २५ उ. ६ काल द्वार ५३ प्रश्न - जइ उस्सप्पिणिकाले होजा किं १ दुसमद्समा काले होजा २ दूममाकाले होजा ३ दूसमसुसमाकाले होजा ४ सुसम - दूममा काले होज्जा ५ सुसमाकाले होज्जा ६ सुसमसुसमाकाले होज्जा ? ५३ उत्तर - गोयमा ! जम्मणं पहुच १ णो दुसमदुसमाकाले होना २ दूममाकाले वा होज्जा ३ दूसमसुसमाकाले वा होज्जा ४ सुसम - दूसमाकाले वा होज्जा ५ णो सुसमाकाले होज्जा ६ णो सुसम सुसमा काले होज्जा । संतिभावं पडुन १ णो दूसमसमाकाले होज्जा २ णो दूसमाकाले होज्जा ३ दूसमसुममा काले वा होज्जा ४ सुसमदूसमा काले वा होज्जा ५ णो सुसमाकाले होज्जा ६ णो सुसमसुसमा काले होज्जा । ३३७७ भावार्थ- ५३ प्रश्न - हे भगवन् ! यदि पुलाक, उत्सर्पिणी काल में होते है, तो क्या दुषमदुषमा काल में, दुषमा काल में, दुषमसुषमा काल में, सुषमदुषमा काल में, सुषमा काल में या सुषमसुषमा काल में होते हैं ? ५३ उत्तर - हे गौतम! जन्म की अपेक्षा दुषमदुषमा काल में नहीं होते । दुषमा काल, दुषमसुषमा काल और सुषमदुषमा काल में होते हैं परन्तु सुषमा और सुषमसुषमा काल में नहीं होते । सद्भाव की अपेक्षा दुषमदुषमा काल और दुषमा काल में नहीं होते । दुषमसुषमा काल में, सुषमबुषमा काल में होते हैं, किन्तु सुषमा और सुषमसुषमा काल में नहीं होते । Jain Education International ५४ प्रश्न - जइ णोओसप्पिणि-गोउस्सप्पिणिकाले होज्जा किं सुसमसुसमापलिभागे होज्जा, सुसमापलिभागे होज्जा, सुसमदूसमा पलिभागे होज्जा, दूसमसुसमापलिभागे होज्जा ? 1 For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004092
Book TitleBhagvati Sutra Part 07
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhevarchand Banthiya
PublisherAkhil Bharatiya Sudharm Jain Sanskruti Rakshak Sangh
Publication Year2006
Total Pages692
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_bhagwati
File Size11 MB
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