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भगवती मूत्र-श. २५ उ. ६ काल द्वार
'उत्सपिणी काल में होते हैं या 'नोअवसर्पिणी-नोउत्सपिणी काल' में होते हैं ?
५१ उत्तर-हे गौतम ! अवसर्पिणी काल में होते हैं, उत्सपिणी काल में भी होते हैं और नोअवसर्पिणी-नोउत्सर्पिणी काल में भी होते हैं।
५२ प्रश्न-जइ ओसप्पिणिकाले होजा किं १ सुसमसुसमाकाले होजा २ सुममाकाले होजा ३ सुममदूममाकाले होजा ४ दूमम सुसमाकाले होज्जा ५ दृसमाकाले होजा ६ दूसमदूसमाकाले होजा? ___५२ उत्तर-गोयमा ! जम्मणं पडुच्च १ णो सुसमसुसमाकाले होज्जा २ णो सुसमाकाले होज्जा ३ सुसमदूसमाकाले वा होज्जा ४ दूसमसुसमाकाले वा होज्जा ५ णो दूसमाकाले होजा ६ णो दूसमदूसमाकाले होज्जा । संतिभावं पडुच्च णो सुममसुसमाकाले होज्जा, णो सुसमाकाले होजा, सुसमदूसमाकाले वा होजा, दूममसुसमाकाले वा होज्जा, दूसमाकाले वा होज्जा, णो दूसमदूसमाकाले होज्जा ।
भावार्थ-५२ प्रश्न-हे भगवन् ! यदि पुलाक अवसर्पिणी काल में होते हैं, तो क्या 'सुषमसुषमा' काल में होते हैं, 'सुषमा' काल में होते हैं, 'सुषमदुषमा' काल में होते हैं, 'दुषमसुषमा' काल में होते हैं, 'दुषमाकाल' में होते हैं या 'दुषमदुषमा' काल में होते हैं ?
५२ उत्तर-हे गौतम ! जन्म की अपेक्षा सुषमसुषमा और सुषमा काल में नहीं होते, किन्तु सुषमदुषमा और दुषमसुषमा काल में होते हैं। दुषमा और दुषमदुषमा काल में नहीं होते । सद्भाव की अपेक्षा सुषमसुषमा, सुषमा और दुषमदुषमा काल में नहीं होस, किन्तु सुषमदुषमा, दुषमसुषमा और दुषमा काल में होते हैं।
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